स्वतः विवाह
स्वतः विवाह या सोलोगैमी का मतलब है किसी व्यक्ति का खुद से ही शादी कर लेना। सोलोगैमी को ओटोगैमी भी कहते हैं। सोलोगैमी को अपनाने वालों का कहना है कि यह खुद का मूल्य समझने और खुद से प्यार (Self Love) करने की तरफ एक कदम है। इसे सेल्फ मैरिज (Self Marriage) भी कहा जा सकता है। वैश्विक तौर पर यह ज्यादातर महिलाओं के बीच प्रचलित है जिसका मतलब है कि महिलाएं इसे अपनाने की तरफ ज्यादा प्रमुख नजर आ रही हैं। [1]
भारत में स्वतः विवाह की शुरुआत
[संपादित करें]खुद से विवाह (सोलोगैमी) की घोषणा कर देशभर में चर्चा में आई वडोदरा की क्षमा बिंदू ने पूर्व घोषित तारीख से पहले जून २९२१ में खुद के साथ सात फेरे ले लिए। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि तय तारीख से तीन दिन पहले ही उन्होंने स्वयं से शादी कर ली है। बिंदू (24) ने बताया कि उन्होंने वडोदरा के गोत्री इलाके में अपने घर में ही आठ जून को स्वयं से शादी (सोलोगैमी) की। देश में इस तरह का यह पहला विवाह बताया जा रहा है। बिंदू ने बताया कि उन्होंने 11 जून को मंदिर में स्वयं से विवाह करने की योजना बनाई थी और वैदिक रीतिरिवाज से शादी कराने के लिए पंडित की भी व्यवस्था कर ली थी, लेकिन बाद में पंडित के मना करने के बाद योजना में बदलाव करना पड़ा[2]।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ https://ndtv.in/lifestyle/do-you-know-what-is-sologamy-and-why-more-and-more-women-are-marrying-themselves-by-choosing-sologamy-3034162
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 2 जुलाई 2022 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 जून 2022.