सामाजिक नेटवर्किंग सेवाएं
सामाजिक नेटवर्किंग सेवा एक ऑनलाइन सेवा, प्लेटफॉर्म या साइट होती है जो लोगों के बीच सामाजिक नेटवर्किंग अथवा सामाजिक संबंधों को बनाने अथवा उनको परिलक्षित करने पर केन्द्रित होती है, उदाहरण के लिए ऐसे व्यक्ति जिनकी रुचियां अथवा गतिविधियां समान होती हैं। एक सामाजिक नेटवर्किंग सेवा में अ उप आना५एमपी५
निवार्य रूप से प्रत्येक प्रयोगकर्ता का निरूपण (अक्सर एक प्रोफ़ाइल), उसके सामाजिक संपर्क तथा कई अन्य अतिरिक्त सेवायें शामिल रहती हैं। अधिकांश सामाजिक नेटवर्किंग सेवायें वेब आधारित होती हैं और प्रयोगकर्ताओं को इन्टरनेट का प्रयोग करते हुए एक-दूसरे से संपर्क करने का साधन प्रदान करती हैं उदाहरण के रूप में ई-मेल तथा इंसटैंट मैसेजिंग. हालांकि ऑनलाइन समुदाय सेवाओं को भी कभी-कभी सामाजिक नेटवर्किंग सेवा माना जाता है। व्यापक अर्थ में, सामाजिक नेटवर्किंग सेवा व्यक्ति केंद्रित होती है जबकि ऑनलाइन समुदाय सेवा समूह केंद्रित होती हैं। सामाजिक नेटवर्किंग साइटें किसी प्रयोगकर्ता को अपने व्यक्तिगत नेटवर्किंग में विचारों, गतिविधियों, घटनाओं और उनके व्यक्तिगत रुचियों को बांटने की सुविधा देती हैं।
सामाजिक नेटवर्किंग सेवाओं के मुख्य प्रकारों में श्रेणी स्थान (category places) होते हैं (पूर्व स्कूल वर्ष या सहपाठियों के रूप में), अपने मित्रों से जुड़ने की सुविधा (आमतौर पर अपने विवरण के पेज के द्वारा), तथा एक संस्तुति प्रणाली जो विश्वास पर आधारित होती है, सम्मिलित होती हैं। लोकप्रिय पद्धतियों में इनमें से कई सम्मिलित होती हैं, जैसे कि [[फेसबुक|फेसबुक]] तथा [[ट्विटर|ट्विटर]] का प्रयोग विश्व भर में विस्तृत रूप से होता है; माईस्पेस तथा [[लिंक्डइन|लिंक्डइन]] का प्रयोग उत्तरी अमेरिका में सर्वाधिक होता है;[1] नेक्सोपिया (अधिकांशतः कनाडा में);[2] बेबो,[3] वीकोंटाक्टे, हाई5, हाइव्स (अधिकांशतः नीदरलैंड्स में), स्टडीवीज़ी (अधिकांशतः जर्मनी में), आईडब्ल्यूआईडब्ल्यू (अधिकांशतः हंगरी में), ट्यूनटी (अधिकांशतः स्पेन में), नासज़ा-क्लासा (अधिकांशतः पोलैंड में), डेकायेन, टैग्ड, जिंग,[4] बाडू[5] तथा स्काईरॉक यूरोप के भागों में;[6] [[ऑर्कुट|[[ऑरकुट]]]] तथा हाई5 दक्षिण अमेरिका, भारत तथा मध्य अमेरिका में;[7] तथा फ्रेंडस्टर, मिक्सी, मल्टीप्लाई, ऑरकुट, व्रेच, रेनरेन व साईवर्ल्ड एशिया तथा प्रशांतीय द्वीपों में एवं ट्विटर, फेसबुक, ऑरकुट व लिंक्डइन भारत में.
इन सेवाओं के मानकीकरण के प्रयास किये गए ताकि मित्रों तथा रुचियों की प्रविष्टियों को दोहराए जाने की आवश्यकता से बचा जा सके (देखें एफओएएफ मानक तथा ओपन सोर्स पहल)
हालांकि कुछ सबसे बड़े सामाजिक नेटवर्किंगों की स्थापना वास्तविक दुनिया के संबंधों के अंकीयकरण की अवधारणा पर आधारित थी, कई नेटवर्किंग किताबों और संगीत जैसी श्रेणियों से लेकर गैर-लाभ वाले व्यवसायों तथा मातृत्व जैसी श्रेणियों में सामान रूप से रूचि रखने वाले लोगों को सेवाएं तथा सामाजिकता प्रदान कराने पर केन्द्रित थीं।
इतिहास
[संपादित करें]कम्प्यूटर के ज़रिये होने वाले सामाजिक पारस्परिक संपर्कों को कंप्यूटर नेटवर्किंग की संभाव्यता के रूप में काफी पहले सुझाया गया था।[8] कम्प्यूटर के ज़रिये होने वाले संचार के द्वारा सामाजिक नेटवर्किंगों का आधार बनाने के प्रयास शुरूआती ऑनलाइन सेवाओं का आधार बने, इनमें यूज़नेट, आरपानेट, लिस्टसर्व तथा बुलिटन बोर्ड सेवाएं (बीबीएस) शामिल थीं। सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की प्राथमिक अवस्था की कई विशेषताएं ऑनलाइन सेवाओं जैसे अमेरिका ऑनलाइन, प्रोडिजी तथा कॉम्प्युसर्व में भी विद्यमान थीं।
वर्ल्ड वाइड वेब पर प्रारंभिक सामाजिक नेटवर्किंग सामान्यीकृत ऑनलाइन समुदायों के रूप में शुरू हुई, जैसे Theglobe.com (1994),[9] जियोसिटीज़ (1995) तथा Tripod.com (1995)। इन ऑनलाइन समुदायों में से कई में लोगों को एक-दूसरे के निकट संपर्क में लाने के लिए चैट रूम उपलब्ध कराये जाते थे, तथा लोगों को अपनी व्यक्तिगत जानकारियां तथा विचार बांटने के लिए व्यक्तिगत वेबपेज़ बनाने के लिए बढ़ावा दिया जाता था, तथा इसके लिए प्रयोग करने में आसान प्रकाशन टूल तथा मुफ्त अथवा सस्ता वेबस्पेस दिया जाता था। कुछ समुदायों - जैसे Classmates.com - ने एक अलग दृष्टिकोण को अपनाते हुए ई-मेल पतों के माध्यम से लोगों को एक-दूसरे से जोड़ दिया। 1990 के दशक के अंत तक, प्रयोगकर्ता की प्रोफ़ाइल सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की केंद्रीय विशिष्टता हो गयी थी, इनके द्वारा प्रयोगकर्ताओं को अपने "मित्रों" की सूची बनाने तथा समान रूचि वाले अन्य प्रयोगकर्ताओं को खोजने की सुविधा प्राप्त होती थी।
सामाजिक नेटवर्किंग के नए तरीके 1990 के अंत तक विकसित किए गए और कई साइटों ने मित्रों को खोजने तथा उनके प्रबंधन के लिए अधिक उन्नत सुविधाओं को विकसित करना प्रारंभ कर दिया। [10] सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की यह नई पीढ़ी, 2002 में फ्रेंडस्टर के आने के साथ ही[11] विकसित होना प्रारंभ हो गयी और जल्द ही इंटरनेट की मुख्यधारा का हिस्सा बन गयी। फ्रेंडस्टर के एक वर्ष पश्चात ही माईस्पेस तथा लिंक्डइन आ गए तथा इसके बाद बेबो आया। सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की लोकप्रियता में तीव्र वृद्धि का सत्यापन इसी बात से किया जा सकता है कि 2005 तक माईस्पेस के देखे जाने वाले पेजों की संख्या गूगल से भी अधिक थी।
2004 में प्रारंभ हुई फेसबुक[12] विश्व की सबसे बड़ी सामाजिक नेटवर्किंग साइट बन चुकी है।[13]
यह अनुमान है कि विभिन्न प्रकार के मॉडलों का प्रयोग करते हुए आज 200 से सक्रिय सामाजिक नेटवर्किंग साइटें हैं।[उद्धरण चाहिए]
सामाजिक प्रभाव
[संपादित करें]वेब आधारित सामाजिक नेटवर्किंग सेवाओं के द्वारा समान रुचियों और गतिविधियों वाले व्यक्तियों का राजनीतिक, आर्थिक और भौगोलिक सीमाओं को लांघते हुए जुड़ाव संभव हो पाता है।[14] ई-मेल और इन्सटैंट मैसेजों के माध्यम से ऑनलाइन समुदायों की स्थापना हुई है जिसमें उपहार अर्थव्यवस्था और पारस्परिक परोपकारिता को सहयोग के माध्यम से प्रोत्साहित किया जाता है। सूचनाएं उपहार अर्थव्यवस्था के लिए विशेष रूप से अनुकूल हैं क्योंकि सूचनाएं गैर-प्रतिस्पर्धी वस्तु है तथा व्यावहारिक रूप से बिना किसी मूल्य के उपहार में दिया जा सकता है।[15][16]
फेसबुक और अन्य सामाजिक नेटवर्किंग के साधन तीव्रता के साथ विद्वानों के अनुसंधान का विषय बनते जा रहे हैं। कई क्षेत्रों में विद्वान नेटवर्किंग साइटों के सामाजिक प्रभाव की जांच करना प्रारंभ कर चुके हैं, जांच में ऐसी साइटों से पहचान, गोपनीयता,[17] सामाजिक पूंजी, युवा संस्कृति तथा शिक्षा सम्बंधित विषयों पर अध्ययन सम्मिलित है।[18]
कई वेबसाइटें परोपकार के लिए सामाजिक नेटवर्किंग मॉडल का प्रयोग कर रही हैं। इस तरह के मॉडल अलग-थलग उद्योगों तथा छोटे संगठनों को रूचि रखने वाले प्रयोगकर्ताओं तथा विस्तृत जनों तक पहुंच उपलब्ध कराते हैं।[19] सामाजिक नेटवर्किंग व्यक्तियों को डिजिटल रूप से संवाद करने के लिए अलग माध्यम प्रदान कर रहे हैं। हाइपरटेक्स्ट के ये समुदाय सूचना एवं विचारों को साझा करना संभव करते हैं, जो कि एक पुरानी एक डिजिटल अवधारणा है।
विशिष्ट संरचना
[संपादित करें]मूलतत्व
[संपादित करें]सामाजिक नेटवर्किंग साइटों में कुछ पारंपरिक सुविधायें समान रूप से पायी जाती हैं। अधिकांशतः, व्यक्तिगत प्रयोगकर्ताओं को स्वयं के बारे में विभिन्न जानकारी के साथ प्रोफाइल बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। अक्सर प्रयोगकर्ता अपनी प्रोफाइल में खुद की तस्वीरें अपलोड कर सकते हैं, दूसरों के पढ़ने के लिए ब्लॉग प्रविष्टियों को पोस्ट कर सकते हैं, समान रूचि वाले अन्य प्रयोगकर्ताओं को खोज सकते हैं, तथा संपर्क के लिए सूची को संचित तथा बांट सकते हैं। इसके अतिरिक्त प्रोफाइलों में अक्सर मित्र व अन्य प्रयोगकर्ताओं द्वारा टिप्पणी किये जाने के लिए समर्पित अनुभाग होते हैं। प्रयोगकर्ता की गोपनीयता की रक्षा करने के लिए, सामाजिक नेटवर्किंगों में आमतौर पर ऐसे नियंत्रण होते हैं जिनसे प्रयोगकर्ताओं को यह चुनने का अधिकार मिलता है कि कौन उनका प्रोफ़ाइल देख सकते हैं, उन से संपर्क कर सकते हैं, उन्हें संपर्कों की अपनी सूची में सम्मिलित कर सकते हैं, तथा अन्य.
हाल के वर्षों में विस्तृत विविधता वाले संगठनों द्वारा अपने उत्पादों और सेवाओं को विज्ञापित करने के लिए प्रोफाइल बनाया जाना आम हो गया है।
अतिरिक्त सुविधायें
[संपादित करें]कुछ सामाजिक नेटवर्किंग अतिरिक्त सुविधायें प्रदान करते हैं, जैसे कि रुचियों तथा जुड़ाव के आधार पर समूह बनाने की क्षमता, वीडियो को स्ट्रीम या अपलोड करना, फोरम में परिचर्चा करना। जियोसोशल नेटवर्किंग इंटरनेट मानचित्रण सेवाओं का प्रयोग करते हुए विभिन्न भौगोलिक स्थानों तथा उनकी विशेषताओं में प्रयोगकर्ताओं की भागीदारी को व्यवस्थित करती है।
सामाजिक नेटवर्किंगों के बीच पारस्परिक प्रायोगिकता बढ़ने के रुझान के पीछे ओपनआईडी (OpenID) तथा ओपनसोशल (OpenSocial) जैसी तकनीकों की भूमिका है।
हाल ही में मोबाइल आधारित सामाजिक नेटवर्किंग लोकप्रिय हो रही है।[उद्धरण चाहिए] अधिकांश मोबाइल समुदायों में प्रयोगकर्ता अपने मोबाइल फोन का प्रयोग करते हुए अब अपनी प्रोफाइल बनाना, मित्र बनाना, चैट रूम्स में भाग लेना, चैट रूम बनाना, निजी बातचीत, फ़ोटो और वीडियो बांटना और ब्लॉग बांटना आदि कर सकते हैं। कुछ कंपनियां वायरलेस सेवा प्रदान करती हैं जिनसे उनके ग्राहक सामाजिक नेटवर्किंग के लिए अपने स्वयं के मोबाइल समुदाय बना तथा ब्रांड कर सकते हैं, लेकिन उत्तरी अमेरिका की सबसे लोकप्रिय वायरलेस सेवा फेसबुक मोबाइल है।
सामाजिक नेटवर्किंग में उभरते रुझान
[संपादित करें]सामाजिक नेटवर्किंग की लोकप्रियता में लगातार वृद्धि हो रही है,[20] प्रौद्योगिकी के नए प्रयोग लगातार किये जा रहे हैं।
सामाजिक नेटवर्किंग साइटों के उभरते रुझान में सबसे आगे "रियल-टाइम वेब" तथा "लोकेशन बेस्ड" के सिद्धांत हैं। रियल-टाइम प्रयोगकर्ताओं को सामग्री को अपलोड करने के साथ ही इसे प्रसारित करने की अनुमति देता है - यह अवधारणा रेडियो और टेलीविजन प्रसारण के समान है। रियल-टाइम के सिद्धांत का प्रारंभ ट्विटर द्वारा किया गया, इसमें प्रयोगकर्ता जो कर अथवा सोच रहे (140 कैरेक्टर की सीमा में) होते थे, उसे विश्व भर में प्रसारित कर सकते थे। फेसबुक ने भी यही अपनी "फ़ीड लाइव" के द्वारा किया जिसमें प्रयोगकर्ताओं की गतिविधियों को होने के साथ ही प्रदर्शित किया जा सकता था। जहां ट्विटर शब्दों पर केंद्रित है, क्लिक्सटर जो कि एक अन्य रियल-टाइम सेवा है, जिसने समूह तस्वीर साझा करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए प्रयोगकर्ताओं को किसी घटना की तस्वीरें उस घटना के समय ही प्रसारित करने की सुविधा प्रदान की। मित्र व आसपास के अन्य प्रयोगकर्ता घटनाक्रम में स्वयं की तस्वीरें और टिप्पणियों के रूप में योगदान कर सकते हैं, इस प्रकार फ़ोटो और टिप्पणियों को प्रसारण के "रियल-टाइम" पहलू के लिए योगदान के रूप में अपलोड किया जाता है। स्थान आधारित सामाजिक नेटवर्किंग में, फोरस्क्वेयर ने लोकप्रियता हासिल की क्योंकि यह प्रयोगकर्ताओं को उन स्थानों को "चेक-इन" की अनुमति देता था जहां पर अन्य लोग भी एकत्रित होते थे। गोवाला भी ऐसी ही एक सेवा है जो फोरस्क्वेयर की तरह ही कार्य करती है, यह फ़ोनों में उपलब्ध जीपीएस क्षमता का लाभ लेते हुए स्थानिक अनुभव पैदा करती है। क्लिक्सटर, हालांकि वास्तविक समय श्रेणी का भाग है, भी एक स्थान आधारित सामाजिक नेटवर्किंग साईट है, कयोंकि इसमें प्रयोगकर्ताओं द्वारा बनाई गयी घटनाओं को स्वतः ही भौगोलिक रूप से टैग किया जाता है, तथा प्रयोगकर्ता आस-पास हो रही घटनाओं को क्लिक्सटर आई-फोन ऐप की सहायता से देख सकते हैं। हाल ही में, येल्प ने अपनी मोबाइल फोन ऐप के द्वारा चेक-इन के ज़रिये स्थान आधारित सामाजिक नेटवर्किंग श्रेणी में अपने प्रवेश की घोषणा की है; यह फोरस्क्वेयर अथवा गोवाला के लिए हानिकारक होगा या नहीं, यह तो समय ही बताएगा क्योंकि इंटरनेट तकनीकी उद्योग में अभी यह एक नयी श्रेणी है।[21]
इस नई प्रौद्योगिकी के लिए एक लोकप्रिय अनुप्रयोग उद्योगों के बीच सामाजिक नेटवर्किंग है। कंपनियों ने पाया है कि फेसबुक और ट्विटर जैसी सामाजिक नेटवर्किंग साइटें अपनी ब्रांड छवि बनाने के अच्छे तरीके हैं। मार्केटिंग जाइव के लेखक जोड़ी निमेज़ के अनुसार,[22] उद्योगों तथा सामाजिक मीडिया के पांच उपयोग हैं: ब्रांड जागरूकता उत्पन्न करना, ऑनलाइन छवि प्रबंधन साधन के रूप में, भर्तियां करने के लिए, नयी तकनीकों तथा प्रतिस्पर्धियों की बारे में जानने के लिए, तथा लीड पैदा करने वाले साधन के रूप में संभावित ग्राहकों का पता लगाने के लिए। [22] ये कंपनियां अपनी ऑनलाइन साइटों के लिए ट्रैफिक उत्पन्न करते हुए अपने उपभोक्ताओं और ग्राहकों को अपने उत्पादों या सेवाओं में परिवर्तन अथवा सुधार के विषय में विचार-विमर्श करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती हैं।
जिस अन्य उपयोग के विषय में चर्चा की जा रही है वह विज्ञान समुदायों में सामाजिक नेटवर्किंग का प्रयोग है। जूलिया पोर्टर लाइबेस्काइन्ड तथा अन्य ने एक अध्ययन प्रकाशित किया है कि कैसे नई जैव-प्रौद्योगिकी फर्म वैज्ञानिक ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए सामाजिक नेटवर्किंग साइटों का उपयोग कर रही हैं।[23] अपने अध्ययन में वे कहते हैं कि एक दूसरे के साथ जानकारी और ज्ञान साझा करके, "उनके सीखने और लचीलेपन में वृद्धि हुई है जो कि अपनेआप में सीमित सौपानिक संगठन के भीतर संभव नहीं हो सकती थी". सामाजिक नेटवर्किंग ने वैज्ञानिक समूहों को अपने ज्ञान के आधार का विस्तार करते हुए विचारों को बांटना संभव किया है और इन साधनों के आभाव में उनके सिद्धांत "पृथक और अप्रासंगिक" हो सकते थे।
सामाजिक नेटवर्किंगों का प्रयोग शिक्षकों और छात्रों के द्वारा एक संचार उपकरण के रूप में किया जा रहा है। चूंकि अधिकांश छात्र पहले ही सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की एक व्यापक रेंज का उपयोग कर रहे थे, शिक्षकों ने स्वयं को इस प्रवृत्ति से परिचित कराना प्रारंभ कर दिया है और अब वे इसका प्रयोग अपने लाभ के लिए करते हैं। शिक्षक और प्राध्यापक चैट-रूम फोरम और समूहों को सृजित करके, कक्षा की परिचर्चा को बढ़ाते हुए, टेस्ट व प्रश्नोत्तरी सौंपना, कक्षा के बाहर गृहकार्य में मदद आदि सब कुछ कर रहे हैं। सामाजिक नेटवर्किंग का प्रयोग शिक्षक व छात्रों के माता-पिता के बीच संवाद को बढ़ावा देने के लिए भी किया जा रहा है। ये साइटें छात्रों के माता-पिता के लिए शिक्षकों से बिना मिले प्रश्न पूछने तथा अपनी चिंताओं को व्यक्त करने को संभव और सुविधाजनक बनाती हैं।
सामाजिक नेटवर्किंगों को कार्यकर्ताओं द्वारा कम लागत वाले जमीनी स्तर के आयोजन के साधन के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की एक विस्तृत श्रृंखला के उपयोग से 2009 के राष्ट्रीय समता मार्च के आयोजकों द्वारा लगभग 200,000 प्रतिभागियों को लामबंद करके वाशिंगटन में मार्च करने के लिए सक्षम किया, लागत में बचत पुराने तरीकों के मुकाबले 85% से अधिक की रही। [24]
पुस्तकालयों के द्वारा ऑनलाइन सामाजिक नेटवर्किंग का प्रयोग प्रचलित है तथा बढ़ रहा है जिसका प्रयोग पुस्तकालय के संभावित प्रयोगकर्ताओं के साथ संपर्क के साथ ही पुस्तकालय की सेवाओं के विस्तार के लिए भी किया जा रहा है।
सामाजिक नेटवर्किंगों का एक बड़ा प्रयोग कॉलेज के छात्रों द्वारा व्यवसाय संबंधी व्यक्तियों से संपर्क करके इन संपर्कों का प्रयोग प्रशिक्षण तथा नौकरी के मौकों को तलाशने के लिए किया जा रहा है। किसी कॉलेज में ऑनलाइन नेटवर्किंग के प्रभाव पर कई अध्ययनों में से एक उल्लेखनीय अध्ययन फिप्पस अरेबी व योरम विंड द्वारा एड्वान्सेस इन सोशल नेटवर्किंग एनालिसिस के रूप में प्रकाशित है।[25]
सामाजिक नेटवर्किंग होस्टिंग सेवा
[संपादित करें]कोई सामाजिक नेटवर्किंग होस्टिंग सेवा एक वेब होस्टिंग सेवा ही होती है जो विशेष रूप से वेब आधारित सामाजिक नेटवर्किंग सेवा के प्रयोगकर्ता बनाने के साथ ही कई सम्बंधित एप्लीकेशन को होस्ट करती है। ऐसी सेवाओं को वर्टिकल सामाजिक नेटवर्किंग भी कहा जाता है क्योंकि ये एसएनएस (SNS) को बनाया जाना सुनिश्चित करते है जिनके द्वारा किसी विशेष प्रयोगकर्ता की रुचियों तथा निश (niche) को प्राप्त किया जा सकता है; बड़े, रूचि-संशयवादी एसएनएस की तरह ही, ऐसी निश नेटवर्किंग सेवाएं प्रयोगकर्ताओं के लगातार बढ़ते हुए निश समूहों को आधार प्रदान कर सकती हैं।
व्यापार मॉडल
[संपादित करें]कुछ सामाजिक नेटवर्किंग वर्तमान में सदस्यता के लिए धन लेते हैं। आंशिक रूप से ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि सामाजिक नेटवर्किंग अपेक्षाकृत नई सेवा है और इनके प्रयोग का महत्त्व अभी ग्राहकों में मजबूती से स्थापित नहीं हो पाया है।[उद्धरण चाहिए] फेसबुक और माइस्पेस जैसे कंपनियां ऑनलाइन विज्ञापन से धन अर्जित करती हैं। इनका व्यापार मॉडल बड़ी सदस्यता संख्या पर आधारित है और सदस्यता के लिए धन लेना हितों के विपरीत होगा। [26] कुछ का मानना है कि साइटों के प्रयोगकर्ताओं के विषय में गहरी जानकारी के द्वारा किसी अन्य साईट की तुलना में बेहतर लक्षित विज्ञापन किये जा सकते हैं।[27]
सामाजिक नेटवर्किंग एक स्वायत्त व्यापार मॉडल के साथ कार्य करते हैं, जिसमें किसी सामाजिक नेटवर्किंग के सदस्य आपूर्तिकर्ता और सामग्री के उपभोक्ता के रूप में दोहरी भूमिकाओं में कार्य करते हैं। यह एक पारंपरिक व्यापार मॉडल के विपरीत है, जहां आपूर्तिकर्ता और उपभोक्ता अलग कारक होते हैं। स्वायत्त व्यापार मॉडल में राजस्व विज्ञापन के माध्यम से कमाया जाता है, परन्तु सदस्यता आधारित राजस्व तभी संभव है जब सदस्यता संख्या और सामग्री का स्तर पर्याप्त रूप से ऊंचा हो। [28]
मुद्दे
[संपादित करें]गोपनीयता
[संपादित करें]बड़ी सामाजिक नेटवर्किंग सेवाओं पर बढ़ती चिंताओं में प्रयोगकर्ताओं द्वारा अधिक व्यक्तिगत जानकारी उपलब्ध कराया जाना तथा यौन शोषकों का खतरा सम्मिलित है। इन सेवाओं के प्रयोगकर्ताओं को डेटा चोरी होने तथा वायरस के बारे जानकारी होने की भी आवश्यकता है। हालांकि, माइस्पेस और नेटलौग जैसी बड़ी सेवायें घटनाओं को रोकने के प्रयास में अक्सर कानून प्रवर्तन के साथ कार्य करती हैं।[उद्धरण चाहिए]
इसके अतिरिक्त अत्यधिक व्यक्तिगत जानकारी रखने से संबंधित गोपनीयता का कथित खतरा भी है, बड़े निगमों या सरकारी संस्थाओं के पास इस व्यक्तिगत जानकारी होने से प्रोफाइल का प्रयोग किसी व्यक्ति के व्यवहार के विषय में किया जा सकता है जिसकी सहायता से उस व्यक्ति के विरुद्ध अहितकर निर्णय लिए जा सकते हैं।
इसके अलावा, डेटा पर नियंत्रण का भी विषय है - प्रयोगकर्ता द्वारा बदल अथवा हटा दी गयी सूचना वास्तव में सहेजी रखी जा सकती है तथा अन्य पक्षों को दी जा सकती है। यह खतरा तब प्रकाश में आया जब विवादास्पद सामाजिक नेटवर्किंग साइट क्यूचप ने प्रयोगकर्ताओं के खातों से ई-मेल पतों को लेकर इनका प्रयोग स्पैमिंग के लिए किया।[29]
मेडिकल और वैज्ञानिक अनुसंधान में, व्यक्तियों से पूछी गयी सूचनाओं को संस्थागत पुनरीक्षण परिषद् द्वारा बारीकी से देखा जाता है, उदाहरण के लिए किशोरों तथा उनके माता-पिता से अनुमति ले ली गयी हो। यह स्पष्ट नहीं है कि शोधकर्ता, जो सामाजिक नेटवर्किंग साइटों से डेटा एकत्र करते हैं, उन पर यह लागू है या नहीं। इन साइटों पर अक्सर अत्यधिक डेटा रहता है जो कि परंपरागत साधनों के माध्यम से प्राप्त किया जाना बहुत कठिन होता है। हालांकि डेटा सार्वजनिक ही होता है, किसी अनुसंधान-पत्र में इसे पुनर्प्रकाशित किया जाना गोपनीयता पर आक्रमण ही माना जाता है।[30]
सामाजिक नेटवर्किंग साइटों पर गोपनीयता को कई कारकों द्वारा कम किया जा सकता है। उदाहरण के लिए प्रयोगकर्ता कई व्यक्तिगत जानकारियां रखते हैं, साइटों द्वारा प्रयोगकर्ता की गोपनीयता की रक्षा के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाये जाने पर तीसरे पक्ष अक्सर इस डेटा का उपयोग विभिन्न प्रयोजनों के लिए कर सकते हैं। "नेट पीढ़ी के लिए, सामाजिक नेटवर्किंग साइटें सामाजिक बातचीत का पसंदीदा माध्यम बन गयी हैं, दिखावे तथा भूमिका निभाने से लेकर अलग ध्वनि उत्पन्न करने तक. तथापि, चूंकि इस तरह के मंचों का प्रयोग अपेक्षाकृत आसानी से किया जा सकता है, पोस्ट की गयी सामग्री को प्रयोगकर्ता की व्यक्तिगत सूचनाओं में रूचि रखने वाले किसी व्यक्ति के द्वारा भी देखा जा सकता है".[31][32][33]
ब्रिटेन सरकार की सामाजिक नेटवर्किंगों के यातायात पर नजर रखने की योजना[34] जो कि ई-मेल ठप कर सकने जैसी क्षमता वाली है, फेसबुक तथा ट्विटर पर ऐसी ही नज़र रखे जाने का प्रस्ताव है। इन में "फ्रेंडिंग" तथा "फालोइंग" के ज़रिये निरुद्देश्य लोगों के लिए नेटवर्किंग के विश्लेषण के प्रयास को विफल करना शामिल होगा।
वेबसाइटों पर सूचनाएँ
[संपादित करें]सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की एक प्रवृत्ति प्रयोगकर्ताओं को सिर्फ 'सकारात्मक' सूचनायें भेजना है। उदाहरण के लिए बेबो, फेसबुक व माइस्पेस जैसी साइटें प्रयोगकर्ताओं को तब सूचना नहीं भेजते हैं जब कोई उनको मित्र सूची से निकाल देता है। इसी तरह यदि कोई प्रयोगकर्ता किसी अन्य प्रयोगकर्ता की दोस्तों की सूची में ऊपर जाता है, तब तो बेबो यह सूचना भेजता है, लेकिन जब वे इस सूची में नीचे जाते हैं, तब कोई सूचना नहीं भेजी जाती है।
इसके कारण प्रयोगकर्ताओं को आवांछित व्यक्तियों को बिना किसी टकराव के अपनी सूची से निकालना आसान हो जाता है, क्योंकि किसी मित्र के अपनी सूची से गायब हो जाने पर कोई विरला ही ध्यान दे पाता है। यह वेबसाइट पर, अप्रिय घटनाओं जैसे मित्र की अस्वीकृति, असफल रिश्तों के टूटने आदि पर ध्यान दिए बिना सामान्य सकारात्मक वातावरण बनाए रखने में भी सहायता करता है।
सूचनाओं तक पहुंच
[संपादित करें]कई सामाजिक नेटवर्किंग सेवायें, जैसे फेसबुक, प्रयोगकर्ता को यह चुनने का विकल्प प्रदान करती हैं कि कौन लोग उसकी प्रोफ़ाइल देख सकते हैं। यह अनधिकृत प्रयोगकर्ता (ओं) तक उसकी जानकारी पहुंचने से रोकता है।[35] किशोरों की एक बड़ी समस्या उनके माता-पिता द्वारा अपने बच्चे के माइस्पेस या फेसबुक खाते को देखा जाना है, जो कि ऐसा नहीं चाहते हैं। अपनी प्रोफ़ाइल को निजी बनाने से, किशोर यह चयन कर सकते हैं कि केवल 'दोस्त' बनाये गए प्रयोगकर्ता ही उनकी प्रोफ़ाइल देख पायें और इस तरह वे माता-पिता को प्रोफ़ाइल देखे जाने से रोक सकते हैं। किशोर निरंतर अपने माता-पिता और अपने निजी जीवन के बीच एक संरचनात्मक अवरोध लगाने की कोशिश कर रहे हैं।[36]
किसी सामाजिक नेटवर्किंग सेवा खाते में सूचना संपादित कने के लिए लॉगिन या पासवर्ड की आवश्यकता होती है। इस प्रकार अनधिकृत प्रयोगकर्ता (ओं) को व्यक्तिगत जानकारी, चित्रों और/या अन्य डेटा डालने, बदलने या हटाने से रोका जा सकता है।
दुरुपयोग की संभावना
[संपादित करें]सामाजिक नेटवर्किंग सेवाओं द्वारा प्रदान अपेक्षाकृत स्वतंत्रता के विषय में संरक्षकों द्वारा इसके दुरुपयोग की संभावना जताई जा रही है। अक्टूबर 2006 में, जौश इवांस के नाम से लोरी ड्रियू द्वारा बनायीं गयी एक नकली माइस्पेस प्रोफाइल के कारण मेगन मीयर ने आत्महत्या कर ली। [37] इस घटना ने धमकियां देने के लिए सामाजिक नेटवर्किंग सेवाओं के प्रयोग के संबंध में वैश्विक चिंताओं को जन्म दिया।
जुलाई 2008 में, एक ब्रिटिश नागरिक ग्रांट रैफेल को गोपनीयता का उल्लंघन करने के अपराध में £22,000 (लगभग $44,000) का जुर्माना अदा करने का दंड मिला। रैफेल ने फेसबुक पर अपने स्कूल के पुराने मित्र मैथ्यू फर्ष्ट के नाम से, जिससे वह वर्ष 2000 में अलग हो चुका था, एक नकली पेज बनाया था। पेज पर झूठा दावा किया गया था कि फर्ष्ट समलैंगिक और बेईमान था।
इसी समय, सामाजिक नेटवर्किंग सेवाओं के वास्तविक उपयोग 'सेवाओं के दुरुपयोग' के आधार पर संदेह की नजर से देखे जाने लगे। सितम्बर 2008 में, ऑस्ट्रेलियाई फेसबुक प्रयोगकर्ता एल्मो कीप की प्रोफ़ाइल को साइट के प्रशासकों के द्वारा साइट की शर्तों का उल्लंघन के आधार पर प्रतिबंधित कर दिया गया। कीप उन कई प्रयोगकर्ताओं में से एक था जिनपर फेसबुक पर प्रतिबंध इस अनुमान के कारण लगाया गया कि उनके नाम वास्तविक नहीं थे, इसका कारण उनके नामों का सीसेम स्ट्रीट के एलमो चरित्र से मिलता-जुलता होना था।[38]
बच्चों की सुरक्षा का जोखिम
[संपादित करें]नागरिक और सरकारों का सरोकार किशोरों के द्वारा सामाजिक नेटवर्किंग सेवाओं के दुरुपयोग से है, विशेष रूप से ऑनलाइन यौन शोषकों के द्वारा. सरकारों द्वारा कार्रवाई की संख्या निश्चित करके समस्या को बेहतर ढंग से समझने और समाधान खोजने के लिए कुछ प्रयास किये गए हैं।[specify] 2008 में एक पैनल ने निष्कर्ष निकाला कि उम्र का सत्यापन और स्कैन के रूप में किये गए प्रौद्योगिकी सुधार ऐसे शोषकों को पकड़वाने के ऑनलाइन साधन के रूप में अप्रभावी रहे हैं।[39] मई 2010 में, बच्चों की पोर्नोग्राफी वाली एक सामाजिक नेटवर्किंग साइट जिसमें सैकड़ों सदस्य थे, को कानून प्रवर्तन के द्वारा ध्वस्त किया गया। इसे "किसी के भी द्वारा, कहीं भी, बच्चों के विरुद्ध किया गया सबसे बड़ा अपराध" समझा गया।[40]
ट्रोलिंग
[संपादित करें]फेसबुक जैसी सामाजिक नेटवर्किंग साइटों का एक आम दुरुपयोग यह है कि किसी व्यक्ति को कभी-कभी भावनात्मक रूप से प्रताड़ित किया जाता है। इस तरह के कार्यों को ट्रोलिंग के रूप में सन्दर्भित किया जाता है। वास्तविक दुनिया के टकरावों को ऑनलाइन किया जाना दुर्लभ नहीं है। [उद्धरण चाहिए] ट्रोलिंग कई अलग रूपों में हो सकती है, उदाहरण के लिए (लेकिन इस तक ही सीमित नहीं) मृत व्यक्तियों के श्रद्धांजलि पृष्ठों में इनका चरित्र हनन, नाम पुकारना, संवेदनशील व्यक्तियों से ऑनलाइन फूहड़ मजाक तथा क्रोध एवं विवाद उत्पन्न करने के लिए विवादास्पद टिप्पणियां करना। ट्रोलिंग को साइबर-धमकियों से अलग समझा जाना चाहिए।
ऑनलाइन धमकियां
[संपादित करें]ऑनलाइन धमकी (उर्फ "साइबर धमकी") एक अपेक्षाकृत आम घटना है और अक्सर यह शिकार के प्रति भावनात्मक आघात के रूप में परणित होती है। नेटवर्किंग साईट के आधार पर, लगभग 39% प्रयोगकर्ता साइबर धमकी प्राप्त होने को स्वीकारते हैं।[41] डाना बोयेड, जो कि सामाजिक नेटवर्किंगों की शोधकर्ता हैं, अपने लेख व्हाई यूथ (हार्ट) सोशल नेटवर्किंग्स साईट में एक किशोर का उद्धरण देती हैं। किशोर माइस्पेस जैसी नेटवर्किंग साइटों के प्रति निराशा व्यक्त करता है क्योंकि ये उसके भावनात्मक तनाव का कारण बनती हैं और वह उनमें बहुत नाटकीयता पाता है।[42] कोई व्यक्ति जब ऑनलाइन होता है तब वह क्या पोस्ट कर सकता है, इसकी अधिक सीमायें नहीं हैं। स्वाभाविक रूप से कुछ व्यक्तियों को आक्रामक टिप्पणी या चित्र पोस्ट करने की शक्ति प्राप्त हो गयी है, जो कि संभवतः अन्य व्यक्ति के लिए बड़े भावनात्मक कष्ट का कारण बन सकता है।
पारस्परिक संचार
[संपादित करें]अधिक से अधिक लोगों को संचार के साधन के रूप में सामाजिक नेटवर्किंग का प्रयोग किये जाने से पारस्परिक संचार बढ़ता जा रहा है।"बेनिगर (1987) का वर्णन है कि मास-मीडिया ने कैसे धीरे-धीरे पारस्परिक संचार को एक सामाजिक शक्ति के रूप में बदल दिया है। {0}इसके अलावा, सामाजिक नेटवर्किंग साइटें युवा संस्कृति द्वारा स्वयं का पता लगाने के लिए, रिश्तों और साझा सांस्कृतिक विरासतों के लिए लोकप्रिय साइटें बन चुकी हैं।"{/0} गोपनीयता का विरोधाभास कई किशोर और सामाजिक नेटवर्किंग प्रयोगकर्ता फेसबुक और माइस्पेस जैसी साइटों का प्रयोग करके पारस्परिक संचार को हानि पहुंचा रहे हैं। बैरोनेस ग्रीनफील्ड, जो ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के तंत्रिकावैज्ञानिक हैं, कहते हैं "मुझे डर है कि इन प्रौद्योगिकियों के कारण छोटे बच्चे, जो ध्वनियों तथा तीव्र प्रकाश से आकर्षित होते हैं, तथा जिनका प्रभाव समय क्षणिक होता है, के कारण मूर्ख न बन जायें."[43]
पेटेंट (एकस्वाधिकार)
[संपादित करें]सामाजिक नेटवर्किंग से संबंधित नयी प्रौद्योगिकियों को कवर करने के लिए अमेरिका में पेटेंट आवेदनों में तेजी से वृद्धि हुई है। प्रकाशित आवेदनों की संख्या 2003 के बाद से तेजी से बढ़ रही है। प्रकाशित आवेदनों की संख्या अब 3500 से भी अधिक है। 7000 से अधिक आवेदन अभी तक प्रकाशित नहीं किये जा सके हैं तथा इस समय लंबित हैं।[44] इनमें से लगभग 400[45] को पेटेंट जारी किए गए हैं, हालांकि बड़े पैमाने पर व्यापार प्रणाली पेटेंट आवेदनों के बकाया होने के कारण तथा इन्हें जारी करने में होने वाली समस्याओं के कारण ये लंबित हैं।[46]
बताया जाता है कि नई स्थापित कंपनियों के लिए सामाजिक नेटवर्किंग पेटेंट महत्वपूर्ण हैं।[47] हालांकि, यह भी कहा गया है कि सामाजिक नेटवर्किंग पेटेंट से नवीनता रूकती है।[48] 15 जून 2010 को, संयुक्त राज्य अमेरिका पेटेंट और ट्रेडमार्क कार्यालय ने Amazon.com को "सामाजिक नेटवर्किंग प्रणाली" के लिए प्लैनेटआल (PlanetAll) में उसके स्वामित्व के लिए पेटेंट जारी किया।[49] यह पेटेंट सामाजिक नेटवर्किंग प्रणाली का वर्णन इस रूप में करता है:
एक नेटवर्किंग किया हुआ कंप्यूटर सिस्टम प्रयोगकर्ताओं को अन्य प्रयोगकर्ताओं को खोज कर उनसे संपर्क संबंधों की स्थापना के लिए विभिन्न सेवाएं प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, एक अवतार में, प्रयोगकर्ता किन्ही विशेष स्कूलों या अन्य संगठनों के साथ जुड़ाव के आधार पर अन्य प्रयोगकर्ताओं की पहचान कर सकते हैं। यह प्रणाली प्रयोगकर्ता के लिए ऐसी क्रियावली भी प्रदान करता है जिससे वे अन्य प्रयोगकर्ताओं को चुनकर उनसे संपर्क अथवा संचार स्थापित कर सकें, तथा उनको अपनी व्यक्तिगत सूचनायें प्रदर्शित कर सकें. इस प्रणाली में प्रयोगकर्ताओं को उनके संबंधित संपर्क के संपर्कों की पहचान के लिए सुविधाओं के द्वारा सक्षम बनाया गया है। इसके अलावा, इस प्रणाली के ज़रिये उनसे संबंधित प्रयोगकर्ताओं की व्यक्तिगत सूचनायें बदलने पर उन्हें स्वतः ही सूचित किया जाता है।[50]
इस पेटेंट ने लोकप्रिय सामाजिक नेटवर्किंग साइट से इसकी समानता के कारण ध्यान आकृष्ट किया था।[51]
जांच-पड़ताल
[संपादित करें]सामाजिक संपर्क सुविधाओं का प्रयोग कानूनी और आपराधिक तहकीकात के क्षेत्र में भी बढ़ता जा रहा है। माइस्पेस और फेसबुक जैसी साइटों पर प्रकाशित सूचनायें पुलिस (विधि-चिकित्साशास्त्र सम्बंधी वर्गीकरण), पूछ-ताछ तथा विश्व-विद्यालय द्वारा प्रयोग की जाती हैं तथा इनके द्वारा इन साइटों के प्रयोगकर्ताओं पर अभियोग चलाया जा सकता है। कुछ स्थितियों में, माइस्पेस पर पोस्ट की गयी सामग्री अदालत में भी प्रयोग की गयी है।[52]
छात्र प्रयोगकर्ताओं के विरुद्ध सबूत के एक स्रोत के रूप में फेसबुक का प्रयोग स्कूल प्रशासन और कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा किया जा रहा है। यह साइट, कॉलेज के छात्रों के लिए नंबर एक का ऑनलाइन गंतव्य है, प्रयोगकर्ताओं को व्यक्तिगत विवरण के साथ प्रोफ़ाइल पेज बनाने की अनुमति देती है। इन पृष्ठों को एक ही स्कूल के अन्य पंजीकृत प्रयोगकर्ताओं द्वारा देखा जा सकता है, जिनमें अक्सर निवास-सहायक तथा कैम्पस पुलिस भी शामिल होते हैं।[53] ब्रिटेन के एक पुलिस बल ने फेसबुक से चित्र जांच कर कुछ लोगों को हिरासत में लिया था जो किसी सार्वजनिक स्थान पर चाकू जैसे हथियार को लेकर खड़े थे (सार्वजनिक स्थान पर हथियार रखना गैर-क़ानूनी है)। [54]
उपयोग के क्षेत्र
[संपादित करें]सरकारी अनुप्रयोग
[संपादित करें]हाल में अनेकों सरकारी एजेंसियों द्वार भी सामाजिक संपर्क का प्रयोग शुरू हो गया है। सामाजिक संपर्क के विभिन्न उपकरण सरकार के लिए जनता के विचार जानने और उन्हें अपनी गतिविधियों के सम्बन्ध में बराबर सूचित करते रहने का एक त्वरित और सरल माध्यम है। द सेंटर्स फॉर डिसीज़ कंट्रोल ने बच्चों की प्रसिद्ध साईट वाईविले पर टीकाकरणों के महत्व के सम्बन्ध में सूचना प्रदर्शित की और द नैशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फियारिक एडमिनीस्ट्रेशन ने सेकेण्ड लाइफ पर एक काल्पनिक द्वीप बनाया है जहां लोग भूमिगत गुफाओं का पता लगा सकते हैं या ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।[55] इसी प्रकार, एनएएसए (NASA) ने भी सामाजिक संपर्क के कुछ उपकरणों का लाभ उठाया है जिसमे ट्विटर और फ्लिकर शामिल हैं। वे संयुक्त राज्य अमेरिका की ह्यूमन स्पेस फ्लाइट कमेटी की समीक्षा के लिए भी इन उपकरणों का प्रयोग कर रहे हैं, इस कमेटी का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राष्ट्र अंतरिक्ष में अपनी सर्वाधिक साहसिक आकांक्षा को प्राप्त करने के सशक्त और निरंतर पथ पर आगे बढ़ रहा है' .[56]
व्यवसाय में अनुप्रयोग
[संपादित करें]किसी उद्यम के संबंधमे सामाजिक संपर्क सुविधाओं का उपयोग व्यापार और कार्य के क्षेत्र में एक विशाल प्रभाव डालने की क्षमता रखता है।(फ़्रेज़र & दत्त 2008)
सामाजिक संपर्क लोगों को निम्न लागत में संपर्क करने के अवसर देता है; यह व्यापारियों और उन छोटे धंधों के लिए फायदेमंद हो सकता है जो अपना संपर्क आधार विस्तृत करने के अवसर तलाश रहे हैं। इस प्रकार के संपर्क तंत्र उत्पाद एवम सुविधाएं बिक्री करने वाली कंपनियों के लिए प्रायः ग्राहक सम्बन्ध प्रबंधन उपकरण के रूप में कार्य करते हैं। कम्पनियां सामाजिक संपर्क का प्रयोग बैनर और लिखित प्रचारों के द्वार अपने प्रचार के लिए भी कर सकती हैं। चूंकि व्यापार का संचालन वैश्विक स्तर पर होता है, इसलिए सामाजिक संपर्क की सुविधा विश्व के सभी स्थानों से संपर्क बनाये रखने की सरलता प्रदान करती है।
व्यावसाय के सम्बन्ध में सामाजिक संपर्क के प्रयोग का एक उदहारण लिंक्डइन. कॉम (LinkedIn.com) है, जो व्यावासयिक लोगों को आपस में संपर्क स्थापित करवाने का उद्देश्य रखता है। लिंक्डइन का प्रयोग 200 से अधिक देशों में 40 मिलियन से भी अधिक लोगों द्वारा किया जा रहा है।[57]
हब कल्चर, जोकि मात्र व्यावसायिकों तथा अन्य ऐसे प्रभावशाली व्यापारों को सामाजिक संपर्क का निमंत्रण देती है, जिनके कार्यालय लन्दन, यूके, जैसे बड़े शहरों में हों, जैसी सामाजिक संपर्क सुविधा के सदस्यों के लिए उपलब्ध फिजिकल स्पेस का अन्य प्रयोग यह होता है कि वे काल्पनिक और वास्तविक दोनों जगत में अपने संपर्क स्थापित कर सकते हैं, जिससे उनके व्यापार में अतिरिक्त लाभ होता है।
सामाजिक संपर्क की साइटों का प्रयोग अब व्यापार के क्षेत्र में बढ़ चुका है और ब्रांड अब अपने अपनी स्वयं की उच्च कार्यात्मक क्षमता युक्त साइटें बना रहे हैं, यह क्षेत्र ब्रांड नेट्वर्किंग के नाम से जाना जाता है। इसके पीछे विचार यह है कि कोई ब्रांड ऐसे मंच पर जो कि उन्हें सम्बंधित सामग्री प्रदान करे, जिसमें सहभागिता का तत्त्व हो और एक दर्जा या अंक प्रदान करने की प्रणाली के द्वारा अपने ग्राहकों को अपनी ब्रांड इमेंज के साथ जोड़ने के द्वारा उनके साथ सम्बन्ध स्थापित कर सकता है। ब्रांड नेटवर्किंग सामाजिक चलन को एक विपणन उपकरण के रूप में प्रयोग करके पूंजी कमाने का एक नया माध्यम है।
डेटिंग में अनुप्रयोग
[संपादित करें]अनेक सामाजिक संपर्क नेटवर्किंग लोगों को सम्बन्ध बनाने हेतु मिलने के लिए आपस में बातचीत और निजी जानकारी के आदान-प्रदान के लिए ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराते हैं। इसके पीछे लोगों के इरादे अलग-अलग हो सकते हैं, जैसे, किसी के साथ सिर्फ एक बार मिलना, कुछ समय के लिए सम्बन्ध बनाना और लम्बे समय के लिए सम्बन्ध बनाना आदि। [58]
इनमे से अधिकांश सामाजिक संपर्क नेटवर्किंग में, ऑन लाइन डेटिंग सुविधाओं की तरह ही, उपयोगकर्ता द्वारा कुछ निश्चित जानकारियों का दिया जाना आवश्यक है। इसमें आमतौर पर उपयोगकर्ता की आयु, लिंग, स्थान, रुचियां और संभवतः उसका एक चित्र जैसी, सूचनाएं शामिल होती हैं। सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत निजी सूचनाओं के प्रकटीकरण को प्रोत्साहित नहीं किया जाता है।[59] इसके द्वारा अन्य उपयोगकर्ताओं को किसी को तलाश करने का या स्वयं किसी निश्चित मानदंड के अंतर्गत तलाश किये जाने का अवसर मिलता है लेकिन साथ ही साथ लोग कुछ हद तक अनामिकता भी रख सकते हैं जैसा कि अधिकांशतः ऑनलाइन डेटिंग सुविधाओं में होता है। ऑनलाइन डेटिंग की साइटें, सामाजिक संपर्क साइटों से यह समानता रखती हैं कि इन दोनों में ही उपयोगकर्ता अन्य लोगों से संपर्क करने और मिलने के लिए अपने से सम्बंधित जानकारी की एक रूपरेखा प्रदान करते हैं लेकिन डेटिंग की साइटों पर उनकी इस प्रकार की गतिविधियों का एक मात्र उद्देश्य डेटिंग हेतु अपनी रूचि के किसी व्यक्ति की तलाश करना होता है। सामाजिक समपर्क सुविधाएं आवश्यक रूप से डेटिंग के लिए नहीं हैं; अनेक उपयोगकर्ता इसका प्रयोग अपने मित्रों और सहकर्मियों से संपर्क बनाये रखने के लिए करते हैं।[60]
हालांकि, सामाजिक संपर्क नेटवर्किंग और ऑनलाइन डेटिंग सुविधाओं के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर यह है कि ऑनलाइन डेटिंग साइटों में आम तौर पर एक शुल्क का भुगतान करना पड़ता है जबकि सामाजिक संपर्क साइटें शुल्करहित होती हैं।[61] यह अंतर ऑनलाइन डेटिंग उद्योग की आय में बड़ी गिरावट का एक महत्त्वपूर्ण कारण है क्योंकि इसके अधिकांश उपयोगकर्ता अब इसके बदले में सामाजिक संपर्क साइटों का प्रयोग कर रहे हैं। कई प्रसिद्ध ऑनलाइन डेटिंग सुविधाएं जैसे मैच.कॉम, याहू पर्सनल्स और इहार्मोनी.कॉम के उपयोगकर्ताओं की संख्या में कमी आई है, जबकि दूसरी ओर माइस्पेस और फेसबुक जैसी सामाजिक संपर्क साइटों में उपयोगकर्ताओं की संख्या में वृद्धि हुई है।[62]
संयुक्त राज्य अमेरिका में ऑन लाइन डेटिंग साइटों का भ्रमण करने वाले इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 2003 में अधिकतम 21 प्रतिशत से गिरकर 2006 में 10 प्रतिशत पर आ गयी।[63] भले ही यह सुविधाओं की लागत के कारण, उपयोगकर्ताओं की विविधता के कारण या अन्य किसी कारण से है, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि सामाजिक संपर्क साइटें ऑन लाइन होकर अपने साथी के चुनाव करने के नए माध्यम के रूप में उभरी हैं।
शैक्षणिक अनुप्रयोग
[संपादित करें]- यह भी देखें: सामाजिक, शैक्षणिक नेटवर्किंग
द नैशनल स्कूल बोर्ड्स एसोसियेशन ने यह जानकारी दी है कि जो विद्यार्थी सामाजिक संपर्क साइटों का प्रयोग करते हैं उनमे से 60 प्रतिशत विद्यार्थी ऑनलाइन होकर शैक्षणिक विषयों पर चर्चा करते हैं और आश्चर्यजनक रूप से, 50 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी मुख्यरूप से स्कूल के कार्यों के सम्बन्ध में चर्चा करते हैं। फिर भी अधिकांश विद्यालय मंडलों में विद्यालय के दौरान लगभग सभी प्रकार की सामाजिक संपर्क साइटों के प्रयोग के विरुद्ध कठोर नियम लागू हैं - हालांकि विद्यार्थियों और अभिभावकों की ओर से ऑनलाइन व्यवहार में कुछ समस्याओं की शिकायत की गयी है।
वे सामाजिक संपर्क साइटें जो विद्यार्थी और शिक्षक के संबंधों के सशक्तीकरण की ओर केन्द्रित हैं, उनका प्रयोग अब शिक्षण, शिक्षक के व्यावसायिक विकास और सामग्री की सहभागिता के लिए किया जा रहा है। निंग फॉर टीचर्स, लर्न सेन्ट्रल,[64] टीचस्ट्रीट और अन्य ऐसी साइटें बनायी जा रही हैं जो इन संबंधों को प्रोत्साहित करेंगीं और जिसमे शैक्षणिक ब्लौग, इपोर्टफोलियो, औपचारिक और संविदात्मक समुदाय तथा साथ ही साथ आपसी संपर्क भी शामिल होगा जैसे वार्तालाप, परिचर्चा सूत्र और समकालिक फोरम आदि। इन साइटों में सामग्री सहभागिता और श्रेणी प्रदान कियेजाने की भी विशेषता है।
चिकित्सकीय अनुप्रयोग
[संपादित करें]सामाजिक संपर्क नेटवर्किंग का प्रयोग अब स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा संस्थागत जानकारी व समकक्ष मित्रों से प्राप्त जानकारी के प्रबंधन के एक माध्यम के रूप में और व्यक्तिगत चिकित्सकों तथा संस्थाओं की विशिष्टता के प्रदर्शन में किया जा रहा है। एक मुख्य रूप से चिकित्सकीय संपर्क साइट के प्रयोग से होने वाला लाभ यह है कि इसके सभी सदस्य राज्य लाइसेंसिंग बोर्ड की चिकित्सकों की सूची द्वारा जांचे गए होते हैं।[65]
फार्मास्युटिकल कंपनियों के क्षेत्र में सामाजिक संपर्क साइटों की भूमिका अत्यंत रोचक है क्योंकि यह कम्पनियां "अपने विपणन डॉलरों का 32 प्रतिशत" सामाजिक संपर्क साइटों के वैचारिक अगुआओं को प्रभावित करने में खर्च कर देती हैं।[66]
सामाजिक संपर्क साइटों में अपने उन सदस्यों की सहायता करने का भी एक नया चलन शुरू हुआ है जो अनेक शारीरिक और मानसिक बीमारियों से जूझ रहे। [67] ऐसे लोग जो जीवनघातक रोगों से ग्रस्त हैं, उनके लिए पेशेंट्सलाइकमी, अपने सदस्यों को इसी प्रकार की अन्य बीमारियों से जूझ रहे लोगों से सम्पर्क करने का अवसर देता है और उनकी स्थिति से सम्बंधित अन्य रोगियों के आंकड़े उपलब्ध करता है। शराबियों और नशे के रोगियों के लिए, सोबरसर्किल, स्वास्थ्य-लाभ कर रहे लोगों को एक-दूसरे से संपर्क करने में सहायता देता है और उनकी परिस्थिति को समझ पाने वाले लोगों द्वारा उन्हें प्रोत्साहन दिलवाकर उनके स्वास्थ्य-लाभ को और भी सशक्त करता है। डेलीस्ट्रेंथ भी एक वेबसाइट है जो विषयों और प्रवास्थाओ की एक व्यापक श्रंखला के लिए सहायता समूह प्रदान करती है, इसमें पेशेंट्सलाइकमी और सोबरसर्किल के सहायता समूह भी शामिल हैं। स्पार्कपीपल, वज़न घटाने के दौरान समकक्ष व्यक्तियों की सहायता के लिए सामाजिक संपर्क और कम्युनिटी उपकरण प्रदान करती है।
ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर
[संपादित करें]कई परियोजनाओं का उद्देश्य सामाजिक नेटवर्किंग सेवाओं द्वारा प्रयोग किये जाने के लिए मुफ्त व ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर को विकसित करना है। इन परियोजनाओं में डायस्पोरा, एपलसीड परियोजना[68] तथा वनसोशलवेब शामिल हैं।[69]
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]
- वितरित सामाजिक नेटवर्किंग
- इंटरप्राइस बुकमार्किंग
- सामाजिक नेटवर्किंग सेवा का उपयोग में जेंडर मतभेद
- जियोसोशल नेटवर्किंग
- पार्श्विक फैलाव
- सामाजिक नेट्वर्किंग वेबसाइट्स की सूची
- मोबाइल सामाजिक नेटवर्किंग
- व्यावसायिक नेटवर्किंग सेवा
- सामाजिक बुकमार्क लिंक जनरेटर
- सामाजिक पहचान
- सामाजिक नेटवर्किंग
- सामाजिक नेटवर्किंग के एकत्रीकरण
- फिलीपींस में सामाजिक नेटवर्किंग
- सामाजिक सॉफ्टवेयर
- प्रयोगकर्ता प्रोफ़ाइल
- यथार्थ समुदाय
- 100 से अधिक मिलियन प्रयोगकर्ताओं के साथ आभासी समुदाय की सूची
- वेब 2.0
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मीडिया में
[संपादित करें]- दिसम्बर 2010 में, पर्सन ऑफ़ द इयर के रूप में फेसबुक सीईओ (CEO) Aaryn Kumar Mobile's software injiniyarring worsiligane Nalanda Bihar [70] नामित टाइम मैगज़ीन
- सामाजिक नेटवर्किंग - 2010 फ़िल्म
सन्दर्भ
[संपादित करें]- Boyd, Danah; Ellison, Nicole (2007). "Social Network Sites: Definition, History, and Scholarship". Journal of Computer-Mediated Communication. 13 (1). मूल से 17 मार्च 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 मार्च 2011.
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नोट्स
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- विकीलेक्चर द्वारा सामाजिक नेटवर्किंग के इतिहास पर वीडियो