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सजदा

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इस्लाम में, सजदा की अवस्था का पाँच वक़्त की नमाज़ो में आला दर्ज़े का मुक़ाम (स्थान) होता है।

सजदा, सुजूद, सिजदा या सेजदा अरबी के शब्द हैं जिन का अर्थ एक ईश्वर (अरबी: الله अल्लाह) को मक्का में स्थित काबा कि दिशा में साष्टांग प्रणाम करना है जो कि अक्सर रोज़ की प्रार्थनाओ (सलात ) में किया जाता है। सजदे के दौरान, एक मुस्लमान अल्लाह के लिए प्रतिष्ठा और सम्मान करते हुए प्रशंसा और तारीफ़ बयान करता है। इस अवस्थे में माथे, नाक, दोनों हाथों, घुटनों और पैरों की सब उँगलियों का एक साथ ज़मीन को छूना शामिल है।