विचारों का इतिहास
विचारों का इतिहास, इतिहास में अनुसंधान का एक क्षेत्र है जो समय के साथ मानव के विचारों में परिवर्तन, विचारों की अभिव्यक्ति एवं उनकी संरक्षण आदि का अध्ययन करता है। इस प्रकार यह बौद्धिक इतिहास (intellectual history) का एक उपभाग कहा जा सकता है। विचारों का इतिहास के सम्यक अध्ययन में दर्शन का इतिहास, विज्ञान का इतिहास और साहित्य का इतिहास बहुत उपयोगी हैं। स्वीडेन में तो १९३० के दशक से ही यह विश्वविद्यालयों में एक विषय के रूप में पढ़ाया जाता रहा है। आजकल विश्व के अनेक विश्वविद्यालयों में यह स्नातक स्तर पपढ़ाया जाता है।
इतिहास
[संपादित करें]बीसवीं शताब्दी के आरम्भिक काल में आर्थर ओ लवजॉय (Arthur O. Lovejoy ; 1873–1962) नामक इतिहासकार ने "विचारों का इतिहास" नामक मुहावरा सबसे पहले उछाला और इस विषय का विधिवत अध्ययन आरम्भ किया।
विचार एकक (Unit-ideas)
[संपादित करें]लवजॉय का मत है कि सभी विचार एक या अधिक सूक्ष्म विचारों के योग से बनते हैं। इन सूक्ष्म विचारों को ही "विचार एकक" कहा। उनका मत है कि समय के साथ विचार-एकक अपरिवर्तित रहते हैं; होता यह है कि वे समय के साथ अलग रीति (पैटर्न) से मिलते हैं और एक नये युग में, नयी अभिव्यक्ति के रूप में, नये विचारों को जन्म देते हैं। "विचारों के इतिहासकार" का काम यही है कि वह इन विचार-एककों की पहचान करे और उनके ऐतिहासिक उदय का विश्लेषण व वर्णन प्रस्तुत करे।
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- Dictionary of the History of Ideas: Studies of Selected Pivotal Ideas. Ed. Philip P. Wiener. New York: Charles Scribner's Sons, 1973-74. (Online edition from the University of Virginia library's Electronic Text Center.) Studies of selected pivotal ideas. This book also appeared in Chinese- and Japanese-language editions.