वांग यिहान' (Wang Yihan) (जन्म जनवरी 18, 1988 शंघाई[3]) चीन की एक सेवानिवृत्त बैडमिंटन खिलाड़ी हैं और भूतपूर्व महिला एकल विश्व विजेता भी हैं। वांग ने अपने बैडमिंटन सफर की शुरुआत मात्र ९ वर्ष की उम्र में अपने प्रशिक्षक वांग पेंग्रेन की देखरेख में शुरु की। उन्हें चीन की कनिष्ठ टीम के लिए २००४ में चुना गया और २००६ में वरिष्ठ टीम में चुने जाने के बाद वह विश्व बैडमिंटन पटल पर छा गयीं।[4] अक्टूबर २००९ तक वह शीर्ष महिला एकल बैडमिंटन खिलाड़ी बन चुकी थीं।
वांग ने २००६ में आयोजित हुए एशियाई कनिष्ठ और विश्व कनिष्ठ बैडमिंटन प्रतियोगिता दोनों ही प्रतियोगिताएँ जीतीं।[5] अंतरराष्ट्रीय ओपेन बैडमिंटन प्रतियोगिताओं में उन्होंने २००६ में बैडमिंटन विश्व कप, बिटबर्गर और २००७ में रसियन ओपेन प्रतियोगिताएँ जीतीं। २००६ में १८ वर्ष की आयु में अपनी टीम की ही झांग निंग को बैडमिंटन विश्व कप में हराकर और शी शिंगफैंग को फ़ाइनल में हराकर उन्होंने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। सितमबर २००८ में उन्होंने झोउ मी को जापान ओपेन के फाइनल में हराया। [6]
२००९ में उन्होंने योनेक्स जर्मन ओपेन का खिताब जीता।[7] फ़ाइनल में उन्होंने अपनी ही देशवासी झु लिन को हराया और एक हफ़्ते बाद ही २१ वर्ष कि उम्र में ऑल इंग्लैंड प्रतियोगिता में डेनमार्क की टिन रासमुसेन को हराया। इसके बाद वांग ने विल्सन स्विस ओपेन[8] देशवासी जिआंग यांजिआओ को (21–17, 17–21, 21–13) अंकों से हरा कर जीता। अगस्त २००९ में उन्होंने मकाउ ओपेन में जिआंग यांजिआओ को (16–21, 22–20, 21–12) अंकों से एक बार फिर हराया। सितम्बर २००९ में वांग ने अपने कैरियर का दूसरा जापान ओपेन[9] वांग शिन को (21–8, 21–9) अंकों से हराकर जीता। वांग ने फिर नवंबर में फ्रेंच सुपर सीरीज़[10] जीती जब उन्होंने निवर्तमान विजेता वांग लिन को (21–9, 21–12) से हरा दिया। वांग ने अपना लगातार दूसरा खिताब जीता और योनेक्स सनराइज़ हांग कांग ओपेन में जिआंग यांजिआओ को (21–13, 21–15) से हराकर साल की पाँचवीं बीडबल्युएफ सुपर सीरीज प्रतियोगिता भी जीती।[11] २००९ में उनका यह सातवां खिताब था। वांग अभी भी प्रतियोगिताएँ जीतने के मामले में सर्वाधिक सफल महिला एकल बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। आजतक उन्होंने ३० एकल खिताब जीते हैं जिनमें चार सुपर सीरीज़ प्रीमियर खिताब, पंद्रह सुपर सीरीज़ खिताब, और एक सुपर सीरीज़ फ़ाइनल्स खिताब है।
वांग अपने बैडमिंटन सफ़र के लिये अपनी माता को श्रेय देती हैं जिनकी वो एकलौती औलाद हैं। वांग की माँ उनके साथ बचपन में घर के बाहर ही बैडमिंटन खेला करती थीं। वांग की बैडमिंटन के प्रति लगन व शक्ति देख कर उन्होंने वांग को एक बैडमिंटन अकादमी भेजने का निर्णय लिया जिसने वांग को एक विश्व प्रसिद्ध बैडमिंटन खिलाड़ी बनने में बड़ी भूमिका निभाई। अपनी लंबाई की वजह से उनके शिक्षकों ने उन्हें वॉलीबॉल खेलने की भी प्रेरणा दी, लेकिन उन्होंने बैडमिंटन पर ही ध्यान लगाया।
वांग को सबसे कमसिन महिला बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। वांग कहती हैं कि वो फ़िलहाल किसी प्रेम प्रसंग में नहीं हैं और सिर्फ अपने कैरियर पर ध्यान दे रहीं हैं। वांग अपने टीम की अन्य खिलाड़ियों जैसे ली श्यूरुई , तिआन क़्विंग , फु हाईफेंग , लिन डान आदि से बहुत अच्छा बर्ताव रखती हैं व सभी की अच्छी मित्र हैं।
ओलम्पिक के क़्वार्टर फ़ाइनल, सेमी-फ़ाइनल, विश्व प्रतियोगिताओं के सेमी फ़ाइनल, सुपर सीरीज़ के फाइनलिस्टों व ओलम्पिक खेलों में सभी विरिधियों के खिलाफ़ प्रदर्शन।[12]