प्राचीन रोम में धर्म
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रोमन धर्म प्राचीन रोम नगर और इटली देश का सबसे मुख्य और राजधर्म था। रोमन धर्म सामी धर्म बिलकुल नहीं था। वो एक भारोपीय (हिन्द-यूरोपीय) धर्म था। ये एक मूर्तिपूजक और बहुदेवतावादी धर्म था। इसमें एक अदृश्य ईश्वर की अवधारणा नहीं थी। ईसाई धर्म के राजधर्म बनने के बाद ईसाइयों ने इसपर प्रतिबंध लगा दिया। इसके बाद ये लुप्त हो गया। इस धर्म के कई देवताओं के सम्तुल्य देवता प्राचीन यूनानी धर्म में, जर्मनिक धर्म और फ़ारसी धर्म में मिलते हैं। मूर्तिपूजा और बहुदेववाद इसकी मुख्य विशेषताएं है !
देवता
संपादित करेंइस धर्म में कई देवता थे: जुपिटर (देवराज), बैक्कस, अपोलो, क्यूपिड, मार्स, मरक्युरी, प्लूटो, सैटर्न, वुल्कन, नेप्चून, मिथ्रास (मित्र), इत्यादि। रोमन देवताओं में बाद के रोमन सम्राट भी शामिल थे।
देवियाँ
संपादित करेंप्रमुख देवियाँ थीं जूनो, मिनर्वा, सिरीस, फ़्लोरा, फ़ोर्तूना, डायना, वीनस, इत्यादि।
पूजा
संपादित करेंपूजा मुख्यतः पशुबलि द्वारा होती थी (गाय, सांड, सूअर, भेड़, आदि)। इस धर्म में कुछ ख़ास आध्यात्मिकता नहीं थी।