स्वर
भाषाविज्ञान में स्वर अइसन अक्षर (सिलेबल) हवें जिनहन के उच्चारण करे में मनुष्य के गला में आवाज पैदा करे वाला वोकल ट्रैक्ट में कौनों किसिम के बेवधान ना पड़े ला। हिंदी अउरी भोजपुरी व्याकरण में इनहन के इहो परिभाषा दिहल जाला कि अइसन अक्षर जे बिना कौनों दूसर अक्षर के सहायता के उच्चरित हो सकें, स्वर कहालें। स्वर के अलावा दुसरे किसिम के अक्षर व्यंजन होलें। हिंदी आ भोजपुरी व्याकरण के हिसाब से इ बतावल जाला कि व्यंजन सभ के उच्चारण में स्वर के मदद के जरूरत पड़े ला, मने कि इ स्वरन के सहायता से उच्चरित होखे लें।
स्वर सभ गुण (उच्चारण के आवाज के किसिम), ऊँचाई (आवाज के मात्रा), आ तेजी (झटका से चाहे घींच के उच्चारण) के आधार पर बाँटल जालें।
आम भाषा में एह अक्षर सभ के लिखाई वाला रूप, मने कि वर्ण सभ भा अक्षर के लिखाई वाला चीन्हा सभ के भी स्वर कहल जाला। उदाहरण खातिर अंग्रेजी में ए, ई, आई, ओ, यू अल्फाबेट सभ के भी वॉवेल कहल जाला। आम देवनागरी लिखाई, जे इस्कूली स्तर पर सिखावल जाले, ओहमें अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ के 11 ठे स्वर होलें। इनहना के अलावा ऍ अउरी ऑ के इस्तेमाल भोजपुरी में बिदेसज ध्वनी सभ के उच्चारण के लिखे खातिर होखे ला। भोजपुरी के कुछ अउरी बिसेस उच्चारण वाला स्वर सभ खातिर अउरियो चीन्हा इस्तेमाल कइल जालें।