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गैराज से हुई थी HP की शुरुआत, दो दोस्तों ने मिलकर इसे यूं बनाया IT फील्ड की दिग्गज कंपनी

अमेरिका के दो दोस्तों ने मिलकर रखी थीआईटी जगत की दिग्गज कंपनी HP की नींव रखी. ये दोस्त थे विलियम रेडिंगटन हैवलेट और डेविड पैकार्ड. जानिए, कैसे शुरू हुआ था एचपी का सफर जो बुलंदियों तक पहुंचा...

गैराज से हुई थी HP की शुरुआत, दो दोस्तों ने मिलकर इसे यूं बनाया IT फील्ड की दिग्गज कंपनी
विलियम हेवलेट और डेविड पैकार्ड ने 1 जनवरी 1939 को एचपी की नींव रखी. Image Credit source: TV9 GFX
| Updated on: Dec 06, 2022 | 3:15 PM

अमेरिका में पढ़ाई के दौरान दो लड़कों की मुलाकात हुई. मुलाकात गहरी दोस्ती में बदली और दोनों ने मिलकर आईटी जगत की दिग्गज कंपनी HP की नींव रखी. ये दोस्त थे विलियम रेडिंगटन हैवलेट और डेविड पैकार्ड. इन दोनों के कंपनी का नाम अपने सरनेम के आधार पर रखा HP यानी हैवलेट पैकार्ड. जो अमेरिका की मल्टीनेशनल कंपनी बनी. इसका हेडक्वार्टर कैलिफोर्निया में है. इस कंपनी ने आईटी जगत में कई चीजों की खोज की जिससे इंसान का जीवन आसान बना.

विलियम हेवलेट का जन्म अमेरिका के मिशिगन में 20 मई, 1913 को हुआ. उनके पिता मिशिगन यूनिवर्सिटी में फैकल्टी थे. विलियम ने अपनी शुरुआती पढ़ाई कैलिफोर्निया से की. इसी दौरान उन्हें डिस्लेक्सिया की शिकायत हुई, जो एक तरह का लर्निंग डिसऑर्डर होता है और मरीज पढ़ने में दिक्कत होती है. नतीजा विलियम के लिए पढ़ना-लिखना मुश्किल होने लगा. यह बीमारी विलियम को तो परेशान कर रही थी, लेकिन उसके इरादों को नहीं. साइंस और गणित के मामले में उसकी मेमोरी काबिले तारीफ थी.

हाईस्कूल में रेडियाे बनाकर चौंकाया

7 सितम्बर, 1912 को अमेरिका के कोलोराडो में जन्मे डेविड पैकार्ड ने कम उम्र से ही अपनी समझदारी से पेरेंट्स और टीचर को प्रभावित किया. उन्होंने हाईस्कूल में एक रेडियो बनाकर सबसे चौंकाया. 1930 में डेविड ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग करने के लिए स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया.यहीं उसकी मुलाकात विलियम हेवलेट से हुई. दोनों ने फ्रेडरिक टेरमैन के अंडर में पढ़ाई की जिन्हें सिलिकॉन वैली का फादर कहा जाता है.दोनों ने फ्रेडरिक से अपना कारोबार शुरू करने और कुछ नया खोजने की इच्छा जाहिर की. इसी दौरान दोनों दोस्तों ने अपना स्टार्टअप शुरू करने की योजना बनाई.

कंपनी का नाम रखने से पहले टॉस किया

दिलचस्प बात है कि HP का नाम रखने से पहले टॉस किया गया था. शर्त रखी गई थी कि इस टॉस में जो जीतेगा उसका सरनेम पहले लिखा जाएगा. इसमें बाजी मारी हेवलेट ने. इस तरह कंपनी का नाम हेवलेट पैकार्ड रखा गया. शुरुआती दौर में कंपनी की शुरुआत एक गैराज से हुई थी. आधिकारिक तौर पर 44 हजार रुपये की राशि से 1 जनवरी, 1939 को कैलिफोर्निया में कंपनी की शुरुआत हुई. डेविड के घर के पीछे बने गैराज को कंपनी का ऑफिस बनाया गया.

जब कंपनी ने पहला प्रोडक्ट बनाया

महीनों की मेहनत के बाद कंपनी में पहला प्रोडक्ट बना. यह था ऑडियो ऑसलेटर जो अलग-अलग तरह के ऑडियो का निर्माण करता था. इसका नाम था- HP200A. यह हाई क्वालिटी की ऑडियो फ्रीक्वेंसी रिलीज करता था. इसे बेचने के लिए डेविड और विलियम ने यूनिवर्सिटीज और स्कूलों से कॉन्टैक्ट करना शुरू किया. पहली बार उन्हें इसके लिए 4 ऑर्डर मिले. इसके बाद वो मार्केटिंग करते गए और ऑर्डर की संख्या में इजाफा होता गया.इसके साथ ही प्रोडक्ट की कीमत बढ़कर उस दौर में 14 हजार रुपये तक पहुंच गई थी.

इसके अलावा कंपनी ने बल्ब तैयार किया.उनके प्रोडक्ट्स को सराहा गयाा और मशहूर वॉल्ट डिज्नी स्टूडियो ने ऑडियो ऑसलेटर का ऑर्डर दिया. जिसके लिए उन्होंने 47 हजार रुपये का भुगतान किया. यह एचपी के लिए उस दौर का सबसे बड़ा ऑर्डर था. पहले ही साल से कंपनी को तगड़ा प्रॉफिट होने लगा.

द्वितीय विश्व युद्ध के कारण मुनाफे ने आसमान छुआ?

1941 में अमेरिका द्वितीय विश्व युद्ध के लिए उतरा. अमेरिकी सेना ने कंपनी को ऑडियाे ऑसलेटर का ऑर्डर दिया. इसके अलावा कंपनी तब तक एनालाइजर, वैक्यूम ट्यूब और वॉल्टमीटर का निर्माण करने लगी थी. इनकी जरूरत सेना को पड़ी. इस तरह कंपनी के मुनाफे ने आसमान छुआ. 1943 में कंपनी की सेल बढ़कर सवा 8 करोड़ पहुंच गई. इस मुनाफे के बाद कंपनी ने इनोवेशन के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए कमर कसी.

बढ़ते मुनाफे के साथ कंपनी ने नई बिल्डिंग में अपना ऑफिस शिफ्ट कर लिया और कई सॉफ्टवेयर कंपनियों को खरीदना शुरू किया. कंपनी ने विदेशों में अपने प्रोडक्ट बेचने शुरू किए और 6 नवंबर 1957 को एचपी प्राइवेट कंपनी बन गई. कंपने में जेनेवा में मार्केटिंग ऑर्गेनाइजेशन की शुरुआत की. इसके साथ ही जापान की सोनी और योकोगावा इलेक्ट्रिक के साथ मिलकर हाई क्वालिटी प्रोडक्ट को तैयार करने की योजना बनाई. लेकिन प्रोडक्ट महंगे होने के कारण सफलता नहीं मिली.

दुनिया का पहला साइंटिफिक कैलकुलेटर बनाया

1961 में HP ने सेनबॉर्न कंपनी को खरीदा और मेडिकल इक्विपमेंट का निर्माण शुरू किया. दुनिया का पहला साइंटिफिक कैल्कुलेटर बनाने का श्रेय एचपी को ही जाता है. कंपनी ने एटॉमिक क्लॉक बनाए जो सेकंड के 10 लाखवें हिस्से की भी जानकारी देता था. एचपी ने अपोलो और कॉन्वेक्स कम्प्यूटर को खरीदा और 1996 में मिनीकम्प्यूटर तैयार किया.

दुनिया का पहला पर्सनल कम्प्यूटर बनाया

1968 में एचपी ने दुनिया का पहला पर्सनल कम्प्यूटर बनाया, जिसे Hewlett-Packard 9100A नाम दिया गया. इसके बाद कंपनी ने एक से बढ़कर एक प्रोडक्ट बनाए और इतिहास रचा. मई 2022 में कॉम्पैक और एचपी मिल गए और कंपनी का नाम हुआ HPQ यानी हैवलेट पैकार्ड एंड कॉम्पैक. हालांकि यह मर्जर बिजनेस के लिहाज से बेहतर साबित नहीं हुआ. कंपनी ने अपने प्रॉफिट में से कुछ हिस्सा कर्मचारियों को भी देना शुरू किया. एचपी ने प्रोडक्ट में इनोवेशन करने का जो लक्ष्य तय किया वो आज भी जारी है. यही वजह है कि आज 8 दशक बीतने के बाद HP आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी बनी हुई है.

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