पाण्डव
पाण्डव हिन्दू धर्म ग्रन्थ महाभारतक मुख्य पात्रसभ छी । पाण्डवसभ पाँच भाई छल - युधिष्ठिर, भीमसेन, अर्जुन, नकुल तथा सहदेव ।
परिवार
[सम्पादन करी]पाण्डवसभक पिताक नाम पाण्डु छल । ओ एक प्रतपी यदुवंशी राजा छल । पाण्डुकें दुई पत्नी छल- कुन्ती तथा माद्री । युधिष्ठिर, भीम तथा अर्जुनक माता कुन्ती छल आ नकुल तथा सहदेव माद्रीक पुत्र छल ।
जन्म कथा
[सम्पादन करी]एक बेर राजा पाण्डु अपन दुनू पत्नी कुन्ती तथा माद्री संगे शिकार करैक लेल जङ्गल गेल छल । ओतय ओ सभ मृगक जोडी मैथुनरत देखलक । पाण्डु तुरन्ते अपन बाणसँ ओ मृगकें घाइल करि देलक । तखन ओ मृग पाण्डुकें श्राप देलक - राजन! अहाँ जका क्रूर पुरुष ई संसारमे कियो नै भ सकैत अछि । अहाँ हमरा मैथुनक समय बाण दागने छी अतः जब कहियो अहाँ मैथुनरत हेबए तखन अहाँक मृत्यु भऽ जाइत ।
याह श्रापसँ पाण्डु अत्यन्त दुःखी भेल आ अपन रानीसभ सँ कहलक - हे देवी! आब हम अपन सम्पूर्ण वासना त्याग करि ई वनमे बैसैत छी अहाँ दुनू लोकनि हस्तिनापुर चलि जाए । हुनकर वचन सुनि दुनू रानीसभ दुःखी भऽ कहलक - नाथ! हमसभ अहाँक बिना एक क्षण जीवित नै रहि सकब । अहाँ हमरो दुनू गोटेकें वनमे अहाँ संगे कृपा करी । पाण्डु ओ दोनोकें अनुरोधकें स्वीकार करि ओ दुनूकें वनमे अपन संगे बैसैक अनुमति देलक ।
ई समयमे राजा पाण्डुद्वारा अमावस्याक दिन ऋषि-मुनिसभ ब्रह्माकें दर्शनक लेल जाइत देखलक । ओ उ ऋषि-मुनिसभ सँ हमरो साथ लऽ जाए कें आग्रह केलक । हुनकर ई आग्रहकें ऋषि-मुनिसभ कहलक - राजन! कोनो भी निःसन्तान पुरुष ब्रह्मलोक जेबाक अधिकारी नै भऽ सकैत अछि अतः हमसभ अहाँकें लऽ जाएमे असमर्थ छी ।
सन्दर्भ सामग्रीसभ
[सम्पादन करी]बाह्य जडीसभ
[सम्पादन करी]विकिमिडिया कमन्समे पाण्डवसभसँ सम्बन्धित मिडिया अछि। |