ग्लेशियर नेशनल पार्क अमेरिकी राष्ट्रीय उद्यान है, जो कि कनाडा-संयुक्त राज्य अमेरिका की सीमा पर स्थित है। उद्यान संयुक्त राज्य के उत्तर-पश्चिमी मोंटाना राज्य में स्थित है और कनाडा की ओर अल्बर्टा और ब्रिटिश कोलम्बिया प्रांतों से सटा हुआ है। उद्यान दस लाख एकड़ (4,000 किमी2) से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है और इसमें दो पर्वत श्रृंखला (रॉकी पर्वत की उप-श्रेणियाँ), 130 से अधिक नामित झीलें, 1,000 से अधिक विभिन्न पौधों की प्रजातियां और सैकड़ों वन्यजीवों की प्रजातियां शामिल हैं। इस विशाल प्राचीन पारिस्थितिकी तंत्र को जो कि 16,000 वर्ग मील (41,000 किमी2) में शामिल संरक्षित भूमि का भाग है, "क्राउन ऑफ़ द कॉन्टिनेंट इकोसिस्टम" के रूप में संदर्भित किया गया है। विस्तार में...
रामवृक्ष बेनीपुरी (२३ दिसंबर, १८९९ - ९ सितंबर, १९६८) भारत के एक महान विचारक, चिन्तक, मनन करने वाले क्रान्तिकारी साहित्यकार, पत्रकार, संपादक के रूप में अविस्मणीय विभूति हैं। बेनीपुरी जी हिन्दी साहित्य के शुक्लोत्तर युग प्रसिद्ध साहित्यकार थे। इनका जन्म २३ दिसंबर, १८९९ को उनके पैतृक गांव मुजफफरपुर जिले (बिहार) के बेनीपुर गांव के एक भूमिहर ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उसी के आधार पर उन्होंने अपना उपनाम 'बेनीपुरी' रखा था। उनकी प्राथमिक शिक्षा ननिहाल में हुई थी। मैट्रिक पास करने के बाद वे असहयोग आंदोलन में शामिल हो गये। उनकी भाषा-वाणी प्रभावशाली थी। उनका व्यक्तित्त्व आकर्षक एवं शौर्य की आभा से दीप्त था। वे एक सफल संपादक के रूप में भी याद किये जाते हैं। विस्तार में...
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (अंग्रेज़ी:DRDO, डिफेंस रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट ऑर्गैनाइज़ेशन) भारत की रक्षा से जुड़े अनुसंधान कार्यों के लिये देश की अग्रणी संस्था है। यह संगठन भारतीय रक्षा मंत्रालय की एक आनुषांगिक ईकाई के रूप में काम करता है। इस संस्थान की स्थापना १९५८ में भारतीय थल सेना एवं रक्षा विज्ञान संस्थान के तकनीकी विभाग के रूप में की गयी थी। वर्तमान में संस्थान की अपनी इक्यावन प्रयोगशालाएँ हैं जो इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा उपकरण इत्यादि के क्षेत्र में अनुसंधान में रत हैं। पाँच हजार से अधिक वैज्ञानिक और पच्चीस हजार से भी अधिक तकनीकी कर्मचारी इस संस्था के संसाधन हैं। यहां राडार, प्रक्षेपास्त्र इत्यादि से संबंधित कई बड़ी परियोजनाएँ चल रही हैं। विस्तार में...
बेघर युवा विकासशील देशों और विभिन्न विकसित देशों का एक वैश्विक सार्थक सामाजिक मुद्दा है। विकासशील देशों में इसपर शोध और अध्ययन मुख्यतः "पथ शिशुओं" पर केन्द्रित होता है जबकि विकसित देशों में यह अध्ययन उन युवाओं पर केन्द्रित रहता है जो घरेलू सम्बंधों के टुटने अथवा अन्य किन्हीं कारणों से बेघर हुये लोगों पर केन्द्रित रहता है। यहाँ पर पथ शिशु शब्द अंग्रेज़ी शब्द स्ट्रीट चिल्ड्रन के लिए प्रयुक्त किया गया है जिसमें रास्तों में काम करने वाले बालक भी शामिल हैं।
बेघर युवाओं की परिभाषा क्षेत्र के अनुरूप परिवर्तित होती है। संयुक्त राज्य अमेरिका में बेघर युवा २१ वर्ष से कम आयु के उन लोगों के लिए प्रयुक्त शब्द है जो अपने किसी परिचित के साथ सुरक्षित नहीं रहते और उनके पास निवास का कोई वैकल्पिक साधन भी उपलब्ध नहीं होता।[3] ऑस्ट्रेलिया में बेघर की तीन श्रेणियाँ हैं जिनमें एक आपातकालीन आश्रय से दूसरे में जाने वाले अथवा अपने किसी दोस्त के घर आश्रय लेने वाले और इसी तरह से न्यूनतम सामुदायिक मानकों से कम स्तर के आवास में रहने भी शामिल हैं।