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एजिंग (सेक्स प्रैक्टिस)

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एजिंग (English: Evolution) सेक्स की एक ऐसी प्रैक्टिस है जिसमें चरमसुख (ऑर्गेज्म) को कंट्रोल किया जाता है।[1] यानी इसमें एक पार्टनर अपने दूसरे पार्टनर को ऑर्गेज्म के चरण तक लेकर तो जाता है, लेकिन पहले ही बैक ऑफ कर जाता है। इसके बाद वह दोबारा अपनी सेक्शुअल एनर्जी को इकट्ठा कर फिर से चरमसुख (ऑर्गेज्म) तक ले जाता है। [2] बीते कुछ वक्त में जिस तरह सेक्स थेरपिस्ट के बीच Karezza सेक्स तकनीक चर्चा का विषय बना, उसी तरह एजिंग सेक्स प्रैक्टिस के लिए भी उनमें कौतूहल देखने को मिला।[3] सेक्स थेरपिस्ट ही नहीं बल्कि कई कपल्स के बीच भी एजिंग( edging) सेक्स तकनीक काफी पॉप्युलर हो रही है। ऑर्गेज्म कंट्रोल को एलेक्स कंफर्ट की किताब 'द न्यू जॉय ऑफ सेक्स' में स्लो मास्टरबेशन का नाम दिया गया है। इसे एक्सटेंडेट मैसिव ऑर्गेज्म भी कहा जाता है। ऑर्गेज्म कंट्रोल का एक्सपीरियंस लेने के लिए कपल्स पार्टनर्ड सेक्स या फिर मास्टरबेशन का सहारा ले सकते हैं। पार्टनर्ड सेक्स में एक पार्टनर दूसरे पार्टनर को स्टिम्युलेट करता है और धीरे-धीरे उसे हाई ऑर्गेज्म की अवस्था तक लेकर आता है। अगर लंबे समय तक ऑर्गेज्म न होने दिया जाए और बार-बार इस प्रक्रिया को दोहराया जाए तो इससे सेक्शुअल टेंशन और उत्तेजना बढ़ जाती है।

इन्हें भी देखें

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सन्दर्भ

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  1. "Edging Sex यानी स्लो मास्टरबेशन, जानें फायदे से लेकर तकनीक के बारे में".
  2. Extended Massive Orgasm, Steve and Vera Bodansky, (2000), pp. 91, 92, 94–98, ISBN 0-89793-289-7.
  3. Leitzmann MF, Platz EA, Stampfer MJ, Willett WC, Giovannucci E. Ejaculation frequency and subsequent risk of prostate cancer. JAMA. 2004 Apr 7:291 (13): 1578-86.