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विद्युत्चुम्बकत्व

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चिद्युत्चुम्बक : विद्युत्चुम्बकीय बल के अनुप्रयोग का एक उदाहरण है।
इस प्लाज्मा ग्लोब में चमकते फिलामेंट्स के लिए विद्युतचुंबकीय अंतःक्रियाएं जिम्मेदार हैं

विद्युत्चुम्बकत्व (Electromagnetism) या विद्युतचुम्बकीय बल (electromagnetic force) प्रकृति में पाये जाने वाले चार प्रकार के मूलभूत बलों या अन्तःक्रियाओं में से एक है। अन्य तीन मूलभूत बल हैं - प्रबल अन्योन्यक्रिया, दुर्बल अन्योन्यक्रिया तथा गुरुत्वाकर्षण। विद्युत्चुम्बकीय बल को विद्युत्चुंबकीय क्षेत्र की सहायता से अभिव्यक्त किया जाता है।

भौतिकी में, विद्युत चुंबकत्व एक ऐसी अंतःक्रिया है जो विद्युत आवेश वाले कणों के बीच विद्युत चुम्बकीय क्षेत्रों के माध्यम से होती है। विद्युत चुम्बकीय बल प्रकृति की चार मूलभूत शक्तियों में से एक है। यह परमाणुओं और अणुओं की परस्पर क्रिया में प्रमुख शक्ति है। विद्युतचुंबकत्व को इलेक्ट्रोस्टैटिक्स और चुंबकत्व के संयोजन के रूप में सोचा जा सकता है, जो दो अलग-अलग लेकिन बारीकी से परस्पर जुड़ी हुई घटनाएँ हैं। विद्युतचुंबकीय बल किन्हीं दो आवेशित कणों के बीच उत्पन्न होते हैं, जिससे विपरीत आवेश वाले कणों के बीच आकर्षण पैदा होता है और समान आवेश वाले कणों के बीच प्रतिकर्षण होता है, जबकि चुंबकत्व एक ऐसी अंतःक्रिया है जो विशेष रूप से सापेक्ष गति में आवेशित कणों के बीच होती है। ये दोनों प्रभाव मिलकर आवेशित कणों के आसपास विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र बनाते हैं, जो लोरेंत्ज़ बल के माध्यम से अन्य आवेशित कणों को गति दे सकते हैं। उच्च ऊर्जा पर, कमजोर बल और विद्युत चुम्बकीय बल एक एकल विद्युत कमजोर बल के रूप में एकीकृत होते हैं।

विद्युतचुम्बकीय बल कई रूपों में देखने को मिलता है, जैसे विद्युत आवेशित कणों के बीच बल, चुम्बकीय क्षेत्र में रखे विद्युतवाही चालक पर लगने वाला बल आदि। विद्युत्चुम्बकीय बल को प्रायः दो प्रकार का बताया जाता है-

  • विद्युतस्थैतिक बल (electrostatic force) - जो स्थिर आवेशों पर लगता है, तथा
  • चुम्बकीय बल (magnetic force) - जो केवल गतिमान आवेशों पर लगता है।

मूलभूत कणों के बीच लगने वाला बल विद्युत्चुम्बकीय बल ही होता है। क्वाण्टम विद्युत्गतिकी इन कणों के बीच लगनेवाले बल की व्याख्या करती है।

विद्युतचुम्बकीय स्पेक्ट्रम के विभिन्न भाग और उनके गुणधर्म

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