"सदस्य वार्ता:Vkvora2001": अवतरणों में अंतर
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रामायण महाभारत में से भावना नीकाल देने पर इतिहास सामने आ जाता है । भाखरा नंगल डेम के पानी से बीजली उतपन्न होती है अतः पानी में से जीवनतत्त्व नीकल जाता है यह भावना है । हरियाणा पंजाब की समृद्धि इतिहास है । सोमनाथ मंदिरका विध्वंश इतिहास था । स्वतंत्र गणतंत्र देशमें मस्जीद हटाकर सोमनाथ मंदिरका निर्माण भावना से हुआ । बेहतर सोच एवम् जीवन में बेहतर कार्य के लिये धन्यवाद । [[विशेष:Contributions/59.184.174.55|59.184.174.55]] १५:३१, ८ मार्च २००८ (UTC) |
रामायण महाभारत में से भावना नीकाल देने पर इतिहास सामने आ जाता है । भाखरा नंगल डेम के पानी से बीजली उतपन्न होती है अतः पानी में से जीवनतत्त्व नीकल जाता है यह भावना है । हरियाणा पंजाब की समृद्धि इतिहास है । सोमनाथ मंदिरका विध्वंश इतिहास था । स्वतंत्र गणतंत्र देशमें मस्जीद हटाकर सोमनाथ मंदिरका निर्माण भावना से हुआ । बेहतर सोच एवम् जीवन में बेहतर कार्य के लिये धन्यवाद । [[विशेष:Contributions/59.184.174.55|59.184.174.55]] १५:३१, ८ मार्च २००८ (UTC) |
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:: भाखरा नंगल डेम के पानी से बीजली उतपन्न होती है अतः पानी में से जीवनतत्त्व नीकल जाता है '''यह भावना नही इसे सोचना ही बेवकूफी है''' । हरियाणा पंजाब की समृद्धि इतिहास है''' इसे सोचना भी आपकी बेवकूफी है''' । 59.184.174.55 साहब (अब येही आपका नाम है) आपने कभी समाज्शास्त्र या दर्शनशास्त्र भी पढा है या एसी ही बेवकूफी की बाते कहते हैं । {वैसे बता दू कि यह Vkvora2001 ही बिना लागिन करे यहां उट-पटांग लिख रहा है किसि ने सच ही कहा है ऐसे वयक्ति को ही ऐसा व्यवहार (छुपकर) भाता हैं}--[[सदस्य:Jain|Dr. Jain]] १६:३९, ८ मार्च २००८ (UTC) |
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===गद्दार=== |
===गद्दार=== |
11:40, 9 मार्च 2008 का अवतरण
मेरे कोम्प्युटर को पढनेमे समय लगता है या वीकीपीडीयाको हीन्दी समजनेमें समय लगता है। यह लीखनेमे समय नही लगता है। अपने आपको ही धन्यवाद या भाग्यवान ।
मेरा नाम व्हीके व्होरा है। मैने प्राथमीक अभ्यास गुजरातीमें कीया है। वीकीपीडीयाके उपर दो सालसे अभ्यास कर रहां हुं। समज लीजीये मै वीद्यार्थी हुं। अतः कई जगह पर दीर्ग 'ई' ह्र्स्व 'उ'के उपयोगके लीये क्षमा करें।
- Vkvora2001 १०:५१, १८ जनवरी २००८ (UTC)
हेमचंद्राचार्य : नत मस्तक नमस्कार
- आचार्य हेमचंद्रको नत मस्तक नमस्कार कर मैं हर दीन लीखता रहुंगा।
- मुजे यह मौका मीला है वह मेरा सौभाग्य समजता हुं।
- मुजे पुरा वीश्र्वास है सफलता मीलेगी।
- Vkvora2001 ०७:४१, २२ जनवरी २००८ (UTC)
कुमारपाल
आपकी टिप्पणी का मैं १००२% स्वागत करता हूँ । जहां तक लेख कुमारपाल का प्रशन है मै कहना चाहता हूँ कि इस लेख के पहले ही स्तर मे आपने लिखा था "कुमारपाल लेख का अब सीर्फ जन्म हुआ है।" जहां तक विश ज्ञानकोष मे लिखने की बात है यह एक नकारत्मक छ्वी पैदा करता है । दूसरी तरफ यह लेख को जब आपने दूसरे स्तर पर लिखा यह तथ्यो पर आधारित कम किवदंतियों पर अधिक प्रतीत होता है । अगर मै गलत नही हूँ तो आप धार्मिक आस्थाओं को यहां लिख रहे है । --राजीवमास ११:५९, १ फरवरी २००८ (UTC)
- आपके संवादो से प्रतीत होता है कि आप धार्मिक आधारो पर सोचते हैं । बात कुमारपाल जैसे अन्भिज्ञ लेख पर हो रही थी और आप महाभारत पर ले आए । इस लेख कुमारपाल का क्या महत्व है ? आप स्पष्ट करे । --राजीवमास १३:३८, १ फरवरी २००८ (UTC)
धन्यवाद
मेरे वार्ता पृष्ठ पर आपके सुंदर शब्दों के लिए धन्यवाद।--पूर्णिमा वर्मन २०:२९, ३१ जनवरी २००८ (UTC)
माशाकुशेट
माशाकुशेट बिल्कुल सही नहीं है। मैंने इसकी जाँच की है और जो अलग अलग रूप मुझे दिखे उनमे: मैसाचुएट्स, मसाचुएट्स इत्यादि सबसे ज्यादा है। --(2008-02-02T 00:22:29 विजय ठाकुर)
Notes
व्यर्थ के पृष्ठ
देखने में आ रहा है कि आप सदस्यों के पृष्ठो का स्वंय निर्माण कर रहे है (सदस्य:Anupamdixit, सदस्य:Feroz, सदस्य:Suyash, सदस्य:करीर......), अगर आप्को सदस्यो को कुछ कहना है तो केवल सदस्य वार्ता पर जाकर लिखे, सदस्यों का पृष्ट वे स्वंय बनाते है अपने बारे में बताने के लिए । आशा है आप मेरी बात समझ गए होगें --राजीवमास ०७:२३, २७ फरवरी २००८ (UTC)
धन्यवाद उस अनजानेका जीसने सुधारा
- (३) (cur) (last) 2008-02-02T00:28:15 59.184.182.57 (Talk) (१,४२७ bytes) (पूर्ववत करें)
- (२) (cur) (last) 2008-02-02T00:22:29 विजय ठाकुर (Talk | योगदान) छो (२,१३८ bytes) (पूर्ववत करें)
- (१) (cur) (last) 2008-02-01T01:59:50 पूर्णिमा वर्मन (Talk | योगदान) (१,७५८ bytes) (पूर्ववत करें)
- प्रथम ओर द्वतीयने कुछ लीखा ओर तीसरे ने गलती सुधार दीया । नमस्कार ! -- Vkvora2001 ०५:४९, २९ फरवरी २००८ (UTC)
माफी मागे
- माफ् करे आप आपकी बात समझ से परे है मे यहा नया हु लेकीन यह जान्ता हु कि इस प्रकार की बाते भारत के नागरिक की नही हो सक्ते आपकि बातो से देश्द्रोह कि बदबु आ रही है । तथ्य एक तरफ् है लेकिन आप ऐसा कैसे कह स्क्ते हओ कि ईस मंदीर के नाश या सत्यानाश के लीये मुहम्मद गजनवी को अफघानीस्तान से आमंत्रीत करता हुं। विकिपीदिया को आपके इस कृत के लिए सभी भारत्वासियो से माफि मागनी पदेही-- Dr. Jain ०९:२१, २९ फरवरी २००८ (UTC)
- aap mujh पर जैन होने की टोप्प्णी करना ब्>द कतरे । मै पह्ले भारत्वसी हू। आप मेरा च्होपाल पर लिखा कहना मिटा रहे है । आप माफि मांगे अपने देश्द्रोही कथन के लिए आप च्हाहते है कि विदेशी हम पर आक्रमण करे ।-- Dr. Jain ११:१६, २९ फरवरी २००८ (UTC)
- वोहरा जी, मैंने आपके विचार पढ़े । आपको विकि पर अपने व्यक्तिगत विचार लिखने की पूरी छूट हैं पर इस बात का ध्यान रखें कि इससे किसी की धार्मिक भावना आहत न हो । आपके विचार तथ्यपरक हो सकते पर उन्हें संदर्भों के साथ लिखें तो अच्छा होगा । कृपया अपने विचारों से किसी दूसरे समुदाय को आहत न करें वर्ना आपको प्रतिबंधित किया जा सकता है । कृपया अपने पृष्ठ से महमूद गजनवी को दिए गए आमन्त्रण को हटा कर अपने आडम्बरहीन विचारों को (जिसकी मैं व्यक्तिगत रूप से प्रशंसा करता हूँ), सुभाषित कर लिखें जिससे कि किसी धर्म की तौहीन न हो । --अमित प्रभाकर ०५:१०, १ मार्च २००८ (UTC)
- आपकी द्रुत संवेदना के लिए धन्यवाद । --अमित प्रभाकर ०८:२१, १ मार्च २००८ (UTC)
- वोहरा जी, आपके विचारों की पूर्ण स्वतंत्रता विकिपीडिया आपको देता है, परंतु सौहार्द एवं किसी भी धर्म के लोगों के विचारों को हानि पहुँचाए बगैर, संविधान के पालकों की व्यर्थ आलोचना किये बगैर एवं राष्ट्रीयता को आहत किए बगैर । (एक बार को मान भी लिया जाए कि यदि कुछ लोगों ने मंदिर बनवा कर गलत किया था । तो क्या आप किसी बाहरी लुटेरे, जिसने कि भारत माता की भूमि को सत्रह बार लूटने का प्रयास किया है, उसके आगे गिड़गिडा़एंगे कि भाई तुम आ कर मेरी माता की ** एक बार फिर लूट लो । (** = सम्पत्ति)। क्या इस तरह आप ज्यादा देश भक्त कहलाएंगे । यदि आप सही समझते हैं, तो फिर तो यही कहना सही होगा कि यद्यपि सबको अपने विचार रखने की स्वतंत्रता है, तथापि व्यक्ति के विचार भी महत्व रख्जते हैं कि वह किस सोच का है, यदि वह विध्वंस प्रकृति का है, तो उसकी स्वतंत्रता पर अंकुश भी लगाना अनिवार्य है । । मेरे ख्याल से इतना कहना ही आवश्यक होगा, एवं यह निवेदन कि आप उन आपत्तिजनक पंक्तियों को शीघ्रतम हटा लें । --# आशीष भटनागर ०५:३०, १ मार्च २००८ (UTC)
मेरी क्षमा
मैं व्हीके व्होरा अपने मीत्रोकीं भावना समज सकता हुं। कुछ शब्द नहीं पुरा फकरा नीकाल दीया गया है । मैं कीतना भी एथेईस्ट हुं, सेमीनार या कोनफरन्स में कीतना भी पेपर या भाषण दुं, मीत्रोकी दोस्ती एवम भावना समज सकता हुं । मेरा एक बडा परीवार है जीस में, भाई, बहन, तीन-चार पीढी तक के ५० सदस्य है । परीवार का मुखीया होते हुए परीवार सदस्यों को नहीं समजा सकता हुं तो इन्दोर, दील्ही, हरीयाणा, राजस्थान कहां जाने कहां मित्र है उन्हे कैसे समजा सकता हुं । परीवार के सदस्य ओर मीत्र ही मेरे लीये संवीधान है। वर्ल्ड एथेईस्ट सेन्टर के सदस्य नहीं मानते की मैं स्वतंत्र हुं तो परीवार एवम् मीत्रो से तो अलग कैसे हो सकता हुं । भवदीय व्ही के व्होरा Vkvora2001 ०७:३०, १ मार्च २००८ (UTC)
चेतावनी
वोहराजी, यदि भविष्य मे आपने इस प्रकार के शब्दो का प्रयोग हिन्दी ज्ञानकोष में कहीं किया तो आपको प्रतिबन्धित कर दिया जाऐगा -- राजीवमास ११:३९, १ मार्च २००८ (UTC), प्रबन्धक
चेतावनी
धमकी देने वाले ईस प्रबन्धक श्री राजीव मास को उनके टोक पेज पर यह धमकी देनेके लिये चेतावनी दी गई है Vkvora2001 १६:२०, ५ मार्च २००८ (UTC)
- यदि आप चेतावनी को धमकी माने तो यह आपकी मानसिकता दर्शाता है, हम यहा सचनात्मक कार्य करने के लिए आए है लडने या बेवकूफी की बाते करने या लिखने के लिए नही । प्रबन्धक होने के नाते ये मेरा कार्य था कि मै विकिपीडिया पर गलत बातो या अलोकतांत्रिक तथ्यो पर रोक लगाऊं । आप अपने पक्ष को रखने के लिए स्वतंत्र है । -- राजीवमास ०३:०५, ६ मार्च २००८ (UTC)
- मेरे विच्हार से इन Vkvora2001 को तत्काल प्रभाव से प्रतिबन्धित कर देना चाहिए, विवाद के दौरान इन्होने मेरे जैन होने पर ही टिप्प्णी कर दी थी। इनके कहने में जैन कौम देश्भक्त नही होती ? मै इनसे अधिक उम्र का होऊंगा पढा-लिखा भी इनसे ज्याददा होऊगा, लेकिन ये मुझे ही कहते है कि पडा करो । अब मेरा यहा लिखने का मन नही करता । अरे इतिहास में किसने क्या किया उसके लिए उसके लिए अब हमे दोषी ठराया जाएगा ? आज मै ५९ साल क्का हूं । लेकिन आज तक मैने एसा नही देखा कि खुले आम वेब्साइट पर जैन सम्प्दाय पर एसी तीखि टीप्प्णी हो। अब मै रोउ या अत्म्हत्या कर लू -- Dr. Jain ०४:०५, ६ मार्च २००८ (UTC)
शिकायत
इस विकिपीडिया पर क्या-क्या हो रहा है उसे मै नही रोक सकता, लेकिन मैने इस बात की लिखित शिकायत, जैन सम्प्रदाय से की है कि "आज हमे भूतकाल में हुए कामो पर ताने दिए जा रहे है हम जैनो की देश्भक्ति पर शक किया जा रहा है विकिपीडिया पर, यहा के प्रबन्धक भी चुप है एसे आरोप लगाने वालो के बारे में" --Dr. Jain १५:४५, ६ मार्च २००८ (UTC)
- मित्रों, आप लोग अभी भी उस बात पर विवाद कर रहे हैं। सोमनाथ मंदिर का विध्वंश महमूद गज़नवी के आक्रमण के बाद हुआ । आगे कितना किसका और कब इसमें योगदान रहा, इसकी जानकारी तो हम लोगों को नहीं है। बड़े इतिहासकार ही इस बारे में कुछ बता सकते हैं। यदि आप कोई तथ्य लिखें जो आपकी जानकारी में सत्य प्रतीत हो एवं आपके पास उसके कुछ संदर्भ भी हों तो अवश्य लिखिये परंतु एक ऐसे तरीके से जिससे किसी का निरादर ना हो एवं किसी की भावनाओं को ठेस ना पहुँचे। हर व्यक्ति दूसरे जैसा नहीं होता और ना ही उसकी सोच । हम अगर बेहतर सोचेंगे, तो बेहतर लिखेंगे और बेहतर बनेंगे और जीवन में बेहतर कार्य कर पायेंगे । धन्यावाद!--मनीष वशिष्ठ १६:११, ७ मार्च २००८ (UTC)
धन्यवाद
रामायण महाभारत में से भावना नीकाल देने पर इतिहास सामने आ जाता है । भाखरा नंगल डेम के पानी से बीजली उतपन्न होती है अतः पानी में से जीवनतत्त्व नीकल जाता है यह भावना है । हरियाणा पंजाब की समृद्धि इतिहास है । सोमनाथ मंदिरका विध्वंश इतिहास था । स्वतंत्र गणतंत्र देशमें मस्जीद हटाकर सोमनाथ मंदिरका निर्माण भावना से हुआ । बेहतर सोच एवम् जीवन में बेहतर कार्य के लिये धन्यवाद । 59.184.174.55 १५:३१, ८ मार्च २००८ (UTC)
गद्दार
देश में रहकर उसका खाकर उसका दिया पहन कर भी देश के नाश या सत्यानाश के लीये मुहम्मद गजनवी जैसी शक्तियों को अफघानीस्तान या विदेशों से से आमंत्रीत करने वालो की भी जमात अब हिन्दि विकि पर बडने लगी हैं । अब ये सज्ज्न जो जानबूझ कर आई०पी नम्बर (59.184.174.55) के साथ लिख रहे हँ, अवश्य ही देश के लिए खतरा हैं । विकि के सम्पादको ध्यान दो, यहाँ केवल एक Vkvora2001 नही हैं ।-- Dr. Jain १६:२५, ८ मार्च २००८ (UTC)
अहिंसा परमो धर्म
कृपया कीसी धर्म गुरु के पास जाकर अहिंसा का पाठ सीखें । तंदुरस्ती के लिये मन की शांती जरुरत है । लम्बी आयुस्य के लिये तंदुरस्ती जरुर है । परोस्परोग्रह जीवानाम । धन्यवाद ।