ब्योमकेश बक्शी
ब्योमकेश बक्शी शरदेन्दु बन्द्योपाध्याय द्वारा रचित बांग्ला जासूसी गल्प है। इसकी रचना आर्थर कोनन डायल द्वारा रचित महान साहित्यिक जासूस शरलोक होम्स से प्रेरणा लेकर हुई है। शरदेन्दु जी ने 1942 से 1970 के मध्य ब्योमकेश बक्शी की 32 कहानियाँ लिखी किन्तु असमय मृत्यु होने के कारण 33वीं कहानी अपूर्ण रही।
सत्यान्वेषी ब्योमकेश बक्शी | |
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ब्योमकेश बक्शी पात्र | |
प्रथम प्रकटन | सत्यान्वेषी (1934) |
अंतिम प्रकटन | बिशुपाल बध |
निर्माता | शरदेंदु बंद्योपाध्याय |
प्रदर्शन |
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कहानी में जानकारी | |
शीर्षक |
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पेशा | Private investigator |
जीवनसाथी | सत्यवती (पत्नी) |
बच्चे | खोका (बेटा) |
धर्म | नास्तिकता |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
दोस्त | अजीत कुमार बंदोपाध्याय |
ब्योमकेश बक्शी की पहली कहानी "सत्यान्वेशी" ( सत्य की खोज करने वाला ) है तथा 32वीं कहानी "लोहार बिस्किट"( लोहे का बिस्किट) है। ब्योमकेश की मुलाकात 10वीं कहानी मे शरदेन्दु द्वारा रचित " बरोडा - द घोस्ट हन्टर " से होता है। ब्योमकेश के पहली कहानी मे खलनायक के रूप में डॉ अनुकूल बाबू सामने आते हैं। इसी कहानी में ब्योमकेश की मुलाकात अजित बैनर्जी से होती है जो अन्य कहानी मे ब्योमकेश के परम मित्र के रूप में सामने आता है। डॉ अनुकूल बाबू 8वीं कहानी मे खलनायक के रूप में फिर वापसी करते हैं।
ब्योमकेश आधारित पहली फिल्म महान बंगाली लेखक, फिल्म निर्माता, आलोचक द्वारा निर्देशित 1942 मे आई चिड़ियाखाना है। 90 के दशक में ब्योमकेश आधारित चलचित्र दूरदर्शन मे आया। इस चलचित्र में ब्योमकेश का किरदार रजीत कपूर ने निभाया। ब्योमकेश की पत्नी का नाम सत्यवती है तथा ब्योमकेश के बेटे का नाम खोका है।
सत्यजीत रे ने ब्योमकेश बक्शी से प्रेरणा लेकर अपने निजी जासूस फेलूदा की रचना की।
कहानियों की सूची
संपादित करेंNovel/Story | Year of publication |
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Satyanweshi | 1932 |
Pother Kanta | 1932 |
Seemanto-heera | 1932 |
Makorshar Rosh | 1933 |
Arthamanartham | 1933 |
Chorabali | 1933 |
Agnibaan | 1935 |
Uposonghaar | 1935 |
Roktomukhi Neela | 1936 |
Byomkesh O Boroda | 1936 |
Chitrochor | 1951 |
Durgo Rahasya | 1952 |
Chiriyakhana | 1953 |
Adim Ripu | 1955 |
Banhi-patanga | 1956 |
Rokter Daag | 1956 |
Monimondon | 1958 |
Amriter Mrityu | 1959 |
Shailo Rahasya | 1959 |
Achin Pakhi | 1960 |
Kohen Kobi Kalidas | 1961 |
Adrishyo Trikon | 1961 |
Khuji Khuji Nari | 1961 |
Adwitiyo | 1961 |
Mognomoinak | 1963 |
Dushtochokro | 1963 |
Henyalir Chhondo | 1964 |
Room Nombor Dui | 1964 |
Cholonar Chhondo | 1965 |
Shajarur Kanta | 1967 |
Benishonghar | 1968 |
Lohar Biskut | 1969 |
Bishupal Bodh (unfinished) | 1970 |