ब्रह्मगुप्त
Appearance
ब्रह्मगुप्त | |
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जनम | 598 |
निधन | 665 के बाद |
निवास | भीनमाल, वर्तमान में राजस्थान, भारत में[1] and Ujjain, present day Madhya Pradesh, India |
काम के क्षेत्र | गणित, खगोलशास्त्र |
Known for | जीरो, आधुनिक नंबर सिस्टम |
ब्रह्मगुप्त (जनम लगभग 598, निधन 665 के बाद) एक ठो भारतीय गणितज्ञ आ खगोलशास्त्री (ज्योतिषी) रहलें।[2]
उनुके दू गो ग्रंथ: ब्रह्मस्फुटसिद्धान्त - एगो सिद्धांत के किताब, आ खंडखाद्यक एगो आसान प्रयोग लायक बात वाला किताब बाटे।
ब्रह्मगुप्त के ऊपर टीका लिखे वाला बिद्वान लोग के मत के अनुसार ऊ वर्तमान राजस्थान के भीनमाल नाँव के जगह के निवासी रहलें।
ब्रह्मगुप्त पहिला अइसन बेकति रहलें जे सुन्ना (जीरो) के साथ गणित (गुणा-भाग) के नियम बतवलें।
संदर्भ
[संपादन करीं]- ↑ Sachau, Edward C. (2013), Alberuni's India, Routledge, p. 156, ISBN 978-1-136-38357-1,
Brahma-siddhānta, so called from Brahman, composed by Brahmagupta, the son of Jishnu, from the town of Bhillamāla between Multān and Anhilwāra, 16 yojana from the latter place (?)
- ↑ गुणाकर मुले (1970). प्राचीन भारत के महान वैज्ञानिक (हिंदी में). राजकमल प्रकाशन. pp. 68–. ISBN 978-81-267-1715-6.
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