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स्पेन के फ़िलिप द्वितीय

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फ़िलिप द्वितीय एवं प्रथम
फ़िलिप द्वितीय का 1570 का चित्र।
स्पेन के राजा
शासनावधि16 जनवरी 1556 – 13 सितम्बर 1598
पूर्ववर्तीचार्ल्स प्रथम
उत्तरवर्तीफ़िलिप तृतीय
पुर्तगाल के राजा
Reign12 सितम्बर 1580 – 13 सितम्बर 1598
उत्तरवर्तीफ़िलिप तृतीय (पुर्तगाल के फ़िलिप द्वितीय)
इंग्लैण्ड एवं आयरलैंड के राजा
(रानी के पति)
Reign25 जुलाई 1554 –
17 नवम्बर 1558
पूर्ववर्तीमैरी प्रथम
उत्तरवर्तीएलिज़ाबेथ प्रथम
सह-सम्राटमैरी प्रथम
घरानाहैब्सबर्ग
पिताचार्ल्स पंचम, पवित्र रोमन सम्राट
मातापुर्तगाल की इसाबेला
धर्मरोमन कैथोलिक
हस्ताक्षरफ़िलिप द्वितीय एवं प्रथम के हस्ताक्षर

फ़िलिप द्वितीय (स्पेनी: Felipe II, 21 मई 1527 - 13 सितंबर 1598) 1556 से 1598 में अपनी मृत्यु तक स्पेन के राजा थे। वह फ़िलिप प्रथम के रूप में पुर्तगाल के राजा (1580-1598, पुर्तगाली: Filipe I), नेपल्स और सिसिली के राजा (दोनों 1554 से) एवं इंग्लैंड और आयरलैंड के राजा (1554 से 1558 में मेरी प्रथम से उनकी शादी के दौरान) थे। वह 1540 से ड्यूक ऑफ मिलान भी थे। 1555 से वह नीदरलैंड के सत्रह प्रांतों के स्वामी थे।

स्पेन के राजा

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फ़िलिप का जन्म 1527 में पवित्र रोमन सम्राट चार्ल्स पंचम जो स्पेन के राजा भी थे एवं पुर्तगाल की इसाबेला के यहाँ हुआ था। इस प्रकार वह हैब्सबर्ग राजवंश के सदस्य थे और उन्हें अपने पिता का स्पेनिश साम्राज्य विरासत में मिला। इस साम्राज्य में उस समय यूरोपीय लोगों के लिए ज्ञात हर महाद्वीप के क्षेत्र शामिल थे। उनके सम्मान में फिलीपींस का नाम भी दिया गया है। उनके शासनकाल के दौरान, स्पेनिश राज्य अपने प्रभाव और शक्ति की ऊंचाई तक पहुंच गया, जिसे कभी-कभी स्पेनिश स्वर्ण युग कहा जाता है। लेकिन फ़िलिप ने अत्यधिक कर्ज में डूबे हुए शासन का नेतृत्व किया। 1557, 1560, 1569, 1575 और 1596 में राज्य दिवालिया हो गया था।[1]

शासनकाल

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फ़िलिप ने इतालवी युद्धों (जिसमें फ़्रांस एवं हैब्सबर्ग साम्राज्य युद्धरत थे) के अंतिम चरण में स्पेनिश राज्यों का नेतृत्व किया। अंततः एक संधि ने इटली में वर्चस्व के लिए 60 साल तक चले युद्धों को समाप्त कर दिया। 1559 में युद्ध के अंत तक, फ्रांस के बजाय हैब्सबर्ग स्पेन यूरोप की प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित हो गया था। फ़िलिप ने खुद को तुर्क साम्राज्य और प्रोटेस्टेंट सुधार के खिलाफ कैथोलिक यूरोप के रक्षक के रूप में देखा। 1584 में फ़िलिप ने फ्रांस में कैथोलिक एवं प्रोटेस्टेंटों के गृह युद्ध में अगले दशक तक कैथोलिकों का साथ दिया। 1588 में उन्होंने एलिज़ाबेथ प्रथम को उखाड़ फेंकने और वहां फिर से कैथोलिक धर्म को स्थापित करने के रणनीतिक उद्देश्य के साथ प्रोटेस्टेंट इंग्लैंड पर आक्रमण करने के लिए बेड़ा भेजा। लेकिन उनके बेड़े को ग्रेलविंस (उत्तरी फ्रांस) में एक झड़प में हरा दिया गया और फिर वह तूफानों से नष्ट हो गया।

फ़िलिप के राज में हर साल स्पेन से लगभग 9,000 सैनिकों की भर्ती की जाती थी, जो संकट के वर्षों में 20,000 से अधिक हो जाते थे। 1568 में फ़िलिप के राज के विरुद्ध नीदरलैंड में विद्रोह शुरू हुआ जो उत्तरी प्रांतों में विशेष रूप से केंद्रित था। यह उनकी कठोर नीतियों के कारण और बढ़ता रहा और आखिर 1580 में नीदरलैंड के सत्रह प्रांतों में से उत्तरी प्रांत स्वतंत्र में होने में सफल रहे। फ़िलिप ने इस विद्रोह को कुचलने की बहुत कोशिश की जिसमें नीदरलैंड के नेता विलियम दी साइलेंट को मारने के लिये इनाम भी देना शामिल रहा। लेकिन फ़िलिप की बढ़ती आर्थिक परेशानियों के विपरीत, नीदरलैंड की बढ़ती आर्थिक ताकत के कारण डचों को स्पेनिश पर फायदा होता रहा। 1648 में स्पेन ने इस वास्तविक स्वतंत्रता को मान्यता दे दी।

1578 में पुर्तगाल के राजा सेबेस्टियन उत्तरी अफ्रीका में एक लड़ाई में बिना वंशजों के बिना गुजर गए। उनके दादा, बुजुर्ग कार्डिनल हेनरी अगले राजा बने। लेकिन हेनरी का भी कोई वंशज नहीं था। फ़िलिप ने तब पुर्तगाल में प्रवेश किया और सितंबर 1580 में पुर्तगाली सिंहासन ग्रहण कर लिया। 1581 में उन्हें पुर्तगाल के फ़िलिप प्रथम के रूप में ताज पहनाया गया। इसने व्यापक पुर्तगाली साम्राज्य पर फ़िलिप को नियंत्रण दे दिया।[2]

सिंहासन का उत्तराधिकारी

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फ़िलिप की शादी चार बार हुई थी; उनकी सभी पत्नियाँ उनसे पहले गुज़र गई। 13 सितम्बर 1598 में कैंसर से मृत्यु होने पर उनकी चौथी पत्नी एवं भतीजी ऐना द्वारा उत्पन्न हुए उनके पुत्र फ़िलिप तृतीय ने स्पेन का सिंहासन ग्रहण किया। [3]

सन्दर्भ

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  1. Gat, Azar (2006). War in Human Civilization (4th संस्करण). Oxford [u.a.]: Oxford University Press. पृ॰ 488. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-19-923663-3.
  2. Nascimiento Rodrigues/Tessaleno Devezas p.122
  3. Koenigsberger, Helmut Georg (2012), Philip II, Encyclopædia Britannica Online, अभिगमन तिथि 31 January 2012