सामग्री पर जाएँ

"जात्रा": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
छो Bot: Migrating 2 interwiki links, now provided by Wikidata on d:q3348813 (translate me)
No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
[[चित्र:A jatra actor prepares before the performance, Sunderbans.jpg|300px|right|thumb|जात्रा अभिनय की तैयारी करता हुआ व्यक्ति]]
'''यात्रा''' (उच्चारण :'''जात्रा'''), [[पश्चिम बंगाल]] का प्रसिद्ध [[लोकनृत्य]] है।
{{आधार}}
{{भारत के लोक नृत्य|highlight=wb}}


लोक नृत्य में जात्रा भारत के पूर्वी क्षेत्र का लोक कलामंच का एक लोकप्रिय रूप है। यह कई व्‍यक्तियों द्वारा किया जाने वाला एक नाट्य अभिनय है जिसमें संगीत, अभिनय, गायन और नाटकीय वाद विवाद होता है। पहले जात्रा के सशक्‍त माध्‍यम के जरिए जनसमूह को धार्मिक मान्‍यताओं की जानकारी दी जाती थी। उड़िया और बंगाली जात्रा का जन्‍म काफ़ी पहले हुआ था और इतिहास के जानकारों तथा साहित्‍य के आलोचकों के बीच इसके विषय में विभिन्‍न विचार हैं। तथापि उन्‍होंने नाट्य शास्‍त्र में जात्रा के लेख पर ध्‍यान आकर्षित किया है, जो नृत्‍य की कला और विज्ञान का मुख्‍य ग्रंथ है। उन्‍होंने बंगाल, बिहार और उड़ीसा में नाटकीय प्रस्‍तुतीकरण की शुरुआत में भी योगदान दिया है जो जयदेव के 'गीत गोविंदम' में है।
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://banglapedia.search.com.bd/HT/J_0081.htm Jatra] at ''[[Banglapedia]]''
* [http://news.bbc.co.uk/2/shared/spl/hi/pop_ups/05/south_asia_india0s_changing_folk_theatre/html/1.stm In pictures: India's changing folk theatre] at ''[[BBC News]]''.
* [http://www.theatrebangla.com/journal_show.php?val=13&&show=1 Paschim Banga Jatra Akademi, website]

[[श्रेणी:पश्चिम बंगाल के लोक नृत्य]]
[[श्रेणी:बंगलादेश के लोकनृत्य]]

06:38, 18 मई 2019 का अवतरण

लोक नृत्य में जात्रा भारत के पूर्वी क्षेत्र का लोक कलामंच का एक लोकप्रिय रूप है। यह कई व्‍यक्तियों द्वारा किया जाने वाला एक नाट्य अभिनय है जिसमें संगीत, अभिनय, गायन और नाटकीय वाद विवाद होता है। पहले जात्रा के सशक्‍त माध्‍यम के जरिए जनसमूह को धार्मिक मान्‍यताओं की जानकारी दी जाती थी। उड़िया और बंगाली जात्रा का जन्‍म काफ़ी पहले हुआ था और इतिहास के जानकारों तथा साहित्‍य के आलोचकों के बीच इसके विषय में विभिन्‍न विचार हैं। तथापि उन्‍होंने नाट्य शास्‍त्र में जात्रा के लेख पर ध्‍यान आकर्षित किया है, जो नृत्‍य की कला और विज्ञान का मुख्‍य ग्रंथ है। उन्‍होंने बंगाल, बिहार और उड़ीसा में नाटकीय प्रस्‍तुतीकरण की शुरुआत में भी योगदान दिया है जो जयदेव के 'गीत गोविंदम' में है।