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साँचा:संयुक्त राजशाही की राजनीति
राजमुकुट अथवा द क्राउन(अंग्रेज़ी: The Crown फ़्रान्सीसी: फ़्रान्सीसी, ला कोहुन्न्/लॅ कोऱुन) (अन्यथा "ताज" या सासामान्यतः "मुकुट"), एक विशेष राजनीतिक संकल्पना है, जिसकी ब्रिटेन तथा अन्य राष्ट्रमण्डल प्रदेशों के विधीशास्त्र तथा राजतांत्रिक व्यवस्था में अतिमहत्वपूर्ण भूमिका है। इस सोच का विकास इंग्लैण्ड राज्य में सामंतवादी काल के दौरान शाब्दिक मुकुट तथा राष्ट्रीय संपदाओं को संप्रभु(नरेश) तथा उनके/उनकी व्यक्तिगत संपत्ति से विभक्त कर संबोधित करने हेतु हुआ था। इस सोच के अनुसार राजमुकुट को प्रशासन के समस्त अंगों तथा हर आयाम में राज्य तथा शासन के प्रतीक के रूप में देखा जाता है, तथा ब्रिटिश संप्रभु को राजमुकुट के सतत अवतार के रूप में देखा जाता है। अतः ब्रिटेन तथा राष्ट्रमण्डल प्रदेशों मे इस शब्दावली को शासन अथवा सर्कार के लिए एक उपलक्षण(उपशब्द) के रूप में भी उपयोग किया जाता है, या सीधे-सीधे ऐसा भी कहा जा सकता है की यह राजतंत्र को ही संबोधित करने का एक दूसरा तरीका है।[1] विधिक रूप से "राजमुकुट" को एक एकव्यक्ती संस्थान के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो कि विधानपालिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका के संपूर्ण समुच्च न्यायिक अवतार है। अतः इस संदर्भ में इस शब्द को किसी शाही पोशाक के वास्तविक मुकुट के साथ संभ्रमित नहीं करना चाहिए। एक संस्थान के रूप में, राजमुकुट, ब्रिटेन की राजनीतिकव्यवस्था का सबसे पुराना कार्यशील संस्थान है।[2]
बीती सदियों के दौरान, क्रमशः पहले अंग्रेज़ी तथा तत्पश्चात् ब्रिटिश औपनिवेशिक विस्तार द्वारा यह संकल्पना विश्व के अन्य अनेक कोनों तक पहुची, और आज यह यूनाइटेड किंगडम के अतिरिक्त, अन्य 15 स्वतंत्र राष्ट्रों और तीन भिक्त मुकुटीय निर्भरताओं की प्रशासनिक प्रणाली तथा विधिकीय व्यवस्था के मूल आधारभूतियों में जड़ा हुआ है। इनमें से प्रत्येक राष्ट्र के शासन एक-दूसरे से पूर्णतः विभक्त हैं, परंतु सारे के सारे समान रूप से एक ही राजपरिवार को साझा करते हैं। अतः एक नरेश होने के बावजूद इन सारे राष्ट्रों के "राजमुकुट" एक-दूसरे से स्वतंत्र हैं। इस शब्द को और भी कई आधिकारिक शब्दों में देखा जा सकता है, उदाहरणस्वरूप:मुकुट के मंत्री, मुकुटीय भूमि(क्राउन लैण्ड), इत्यादि।
व्युत्पत्ति तथा उपयोग
मुकुट के इस वर्तमान, संकल्पना का विकास, सैकड़ों सालों के समय में इंग्लैण्ड में सामंतवादी व्यवस्था के दौरान हुआ है। पारंपरिक रूप से इंग्लैण्ड में शासन करने का परम अधिकार, केवल अधिराट् (संप्रभु) के हाथों में रहा है, तथा समस्त अधीनस्थ अधिकारीयों एवं प्रशासनिक व न्यायिक संस्थानों के शासन-अधिकार के अंत्यत् स्त्रोत, अधिराट् ही हुआ करते थे। अतः अदालतों तथा समस्त प्रशासनिक दस्तावेज़ों को "मुकुट" के संबोधन के शैली में लिखा जाता था, अर्थात, शासन को "राजमुकुट"(क्राउन) के नाम से संबोधित किया जाता था। संसद की स्थापना, मैग्ना कार्टा का लागू होन, तथा अंग्रेज़ी गृहयुद्ध जैसी घटनाओं के ज़रिए, अनेक वर्षों के अंतराल पर वास्तविक शासनाधिकार, क्रमशः मुकुट से संसद के हाथों में हस्तांतरित हो गया, परंतु शासन को उस ही शैली द्वारा संबोधित किया जाता था। यहां यह जानना जरूरी है कि ऐसा किसी स्थापित नियम के तहत नहीं है, लेकिन अनेक वर्षों में के काल में क्रमशः विकसित हुई परंपरा है।
आधुनिक लोकतांत्रिक प्रणाली में, दृढ़ राजतंत्रों के विरुद्ध, पदस्थ संप्रभु, केवल एक परंपरागत पद होता है, जिसकी आम तौर टर कोई भी वास्तविक शक्ति नहीं होती है। इसके विपरीत, सारे शासनाधिकार तथा शक्तियाँ, निर्वाचित सरकार के अधिकारियों के हाथों में होते हैं, और परंपरागत रूप से शासनाधिकार के धारक होने के नाते, शासक, केवल सरकर के प्रतिनिधि के परामर्श के अनुसार ही कार्य करते हैं। अतः, जहाँ पहले, "राजमुकुट" या "क्राउन" शब्द को राजसत्ता तथा राजतांत्रिक शासन व शासक के संबोधन के लिए उपयोग किया जाता था(जोकी उस समय शासन के समस्त पहलुओं का एकमात्र धारक हुआ करता था), वहीं, संसद की स्थापना तथा क्रमशः सारे सार्थक शासन-शक्तियों का, मुकुट से संसद के हाथों में हस्तांतरित होने के पश्चात्, आज यह शब्द मूलतः एक परंपरागत अवशेष है, जिसे आजकल, राज्य तथा सरकार या शासन को संबोधित करने के लिए उपयोग किया जाता है तथा राष्ट्रप्रमुख होने के नाते, संप्रभु को कथित "मुकुट" अतः "राज्य" के मानवीय प्रतिनिधि तथा प्रतीक के रूप में देखा जाता है।[3]
अतः वर्तमान संवैधानिक-राजतंत्रिक व्यवस्था में "मुकुट" मूलतः, सर्कर को ही संबोधित करने का एक दूसरा तरीका है। तथा कथित "राजमुकुट" और "राजमुकुटीय संपत्ती" मूलतः राजकीय या सार्वजनिक संपत्ती है जिसे गणतांत्रिक देशों में आम शब्दों में सरकारी संपत्ति कहा जाता है। अतः इस संकल्पना के अनुसार, राजमुकुट और राजमुकुटीय संपत्ति, शासक तथा उनकी निजी संपत्ती से विभक्त है, अर्थात् राजमुकुटीय संपत्ति को शासक की निजी संपत्ति नहीं समझा जा सकता है। बलकी, राजमुकुटीय संपत्ति असल में सार्वजनिक या सरकारी संपत्ति होती है। बहरहात, अंत्यतः समस्त राष्ट्रमण्डल प्रदेश में तमाम संपत्तियों और धन का अंत्यत् मालिक मुकुट ही होता है, तथा समस्त स्वामीहीन संपत्तियों का भी मालिकत्व मुकुट का ही होता है।
शासक को मुकुट तथा राज्य के जीवित मानवीय रूप में देखा जाता है।[4][n 1][5][6][7][8][9][10][11] अतः नरेश की काया दो भिन्न व्यक्तित्वों की धारक होती है:एक सामान्य रूप से जन्मे मानव की, तथा, विधानों द्वारा, संपूर्ण रियासत की; अतः "धारनात्मक रूप से मुकुट तथा नरेश, दोनों विभक्त हैं, परंतु न्यायिक रूप से एक ही हैं।"[n 2][12] राज्य,मुकुट, [अधिकारक्षेत्र] पर अपने अधिकार द्वारा, मुकुट..., [अधिकारक्षेत्र] पर अपने अधिकार द्वारा, महारानी... इत्यादि जैसे जुमले एक-दूसरे के पर्यायवाची हैं[13][14] और इनका इशारा शासक के विधिक व्यक्तित्व की ओर होता है।[9][15]
इस संदर्भ में अधिराट् सांसदो, राज्यपालों , राजप्रतिनिधियों, न्यायाधीशों , सशस्त्र बलों समेत अन्य सभी सरकारी कर्मचारियों के नियोक्ता (एम्प्लॉयर) हैं,[n 3] सभी पोष्यपुत्रों के अभिभावक हैं(क्राउन वार्ड), तथा सभी राजकीय या सरकारी जमीनों (क्राउन लैण्ड) भवनों, संपत्तियों (क्राउन हेल्ड प्राॅपर्टी) और सरकारी कंपनियों के मालिक भी होते हैं[16][17] इन साड़ी वस्तुओं पर मालिकत्व का अधिकार, उन्हें एक व्यक्ति नहीं, बल्कि शासक होने के उनके पद के अधिकार द्वारा प्राप्त है। अतः इन पर मलिकत्व के सारे अधिकार वे निजी इच्छा-अनुसार नही, बल्कि, संवैधानिक रूप से उनके पद पर निहित अधिकारों, शक्तियों और सीमाओं के आधार पर ही कर सकते हैं। अतः वे इस संपत्ति पर मालिकत्व के अधिकार का उपयोग केवल अपने संबंधित मंत्रियों की सलाह व स्वीकृति द्वारा ही कर सकते हैं।
मुकुट का विभक्तता
ऐतिहासिक तौर पर राजमुकुट को अविभाजनीय माना जाता था, परंतु समय के साथ यह धारणा भी परिवर्तित होती गयी, और आज, उन प्रत्येक प्रदेश, प्रांत या राज्य, जो अंग्रेज़ी मुकुट को राष्ट्रप्रमुख के रूप में देखते हैं, में, उस प्रदेश की स्वायत्तता की मात्र से बेमुरव्वत, स्वतंत्र माना जाता है। हालाँकि, मुकुट की पद, शक्तियां और अधिकार, स्थानीय कानूनों के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। एक मुक़दमे की सुनवाई करते हुए लॉर्ड ऑफ़ अपील्स द्वारा कहा गया था की: "महारानी, जितनी इंग्लैंड, वेल्स, स्कॉटलैंड, उत्तरी आयरलैंड या संयुक्त राजशाही की हैं, उतनी ही न्यू साउथ वेल्स और मॉरिशस और उन्हें राष्ट्रप्रमुख की मानने वाले अन्य प्रदेशों की हैं।"[18]
राष्ट्रमण्डल प्रदेश
प्रत्येक राष्ट्रमण्डल प्रदेश में राजमुकुट की संकल्पना सामान, परंतु विभक्त विधिक संकल्पनाएँ हैं। अतः राष्ट्रमंडलीय विधि में, एक अधिकारक्षेत्र को दुसरे से अलग करने के लिए न्यायिक दस्तावेज़ों में, "[अधिकारक्षेत्र] पर अधिकार धारी मुकुट..."(अंग्रेज़ी: the Crown in right of [अधिकारक्षेत्र], फ़्रान्सीसी: फ़्रान्सीसी, ला कूऱ़ून् दू च़़ेफ़ दु [अधिकारक्षेत्र]) उदाहरण: "The Crown in right of the United Kingdom..."("यूनाइटेड किंगडम पर अधिकार धारी राजमुकुट...") या '"La Couronne du chef du Québec"(उच्चारण:ला कूऱ़ून् दू च़़ेफ़ दु क़़ुबेक, "कुबेक पर अधिकार धारी मुकुट...")[19][20][21][22] इसके अलावा The Crown in right of Canada, The Crown in right of Australia, The Crown in right of Papua New Guinea, इत्यादि, और क्योंकि, कैनडा और ऑस्ट्रेलिया संघीय राष्ट्र हैं, अतः प्रत्येक कैनेडियाई प्रांत और ऑस्ट्रेलियाई राज्य "पर अधिकार धारी राजमुकुट" भी हैं।[23] मुकुट के अधिकारों को या अधिराट् द्वारा स्वयं या फिर उनके प्रतिनिधि द्वारा, संबंधित मंत्रियों या अधिकारियों की सलाह पर प्रयोग किया जाता है।
मुकुटिया निर्भर्ताएँ
जर्सी में, मुकुट के न्यायिक अधिकारियों द्वारा राजमुकुट के अधिकारों को परिभाषित किया जाता है।[24] ऐसा कहा गया है की जेर्सी के सारे मुकुटिया भूमि जर्सी पर अधिकार धारी मुकुट के अधिकार में ही है, और वे यूके की मुकुट के क्राउन एस्टेट का हिस्सा नहीं हैं। सक्सेशन टू द क्राउन (जर्सी) विधान 2013 "जर्सी पर अधिकार धारी मुकुट के अधिकारों को परिभाषित करती है। इसी प्रकार के विधान आइल्स ऑफ़ मैन और गर्न्से के लिए भी हैं जो सम्बंधित मुकुटों को ब्रिटिश मुकुट से भिन्न बताते हैं।।[25][26][27][28]
ब्रिटिश समुद्रपार प्रदेश
वर्ष २००५ में लॉर्ड ऑफ़ अपील के निर्णय के बाद यह सिद्ध किया गया है की ब्रिटिश समुद्रपार प्रदेशों पर अपने अधिकारों का प्रयोग करने के अवसर पर, महारानी यूनाइटेड किंगडम की सरकार की सलाह पर कार्य नहीं करतीं हैं, सिवाय उन मामलों के जिनमें, उन प्रदेशों की अंतर्राष्ट्रीय ज़िम्मेदारियों को पूरा करने के यूके के दायित्व को पूरा करते समय। इन प्रदेशों के सन्दर्भ में मुकुट के विशेष अधिकारों को ब्रिटिश सरकार द्वारा अब अप्रयोगशाली माने जाते हैं। अतः, अब प्रदेशीय प्रशासक, प्रदेशीय कार्यपालिका और विधानपालिक के सलाह पर ही कार्य करते हैं, और ब्रिटिश सरकार प्रदेशीय विधायिका द्वारा पारित विधानों को पलट नहीं कर सकती है।[29]
अदालती कार्रवाई में
क्योंकि आपराधिक मुकदमों में अभियोजक दल राज्य होती है, अतः बर्तानियाइ अदालतों में मोकदमों को "मुकुट बनाम [प्रतिवेदक]" के रूप में संबोधित किया जाता है। दस्तावेज़ों में मुकदमों के शीर्षकों मे इसे "R v [प्रतिवेदन]" की शैली में लिखा जाता है। जिनमें रोमन अक्षर "R" का अर्थ है लैटिन शब्द रेक्स(Rex) या रेगीन(Regina), अर्थात् "राजा" या "रानी"। उदाहरणस्वरूप: जॉन नामक व्यक्ति के खिलाफ चल रहे मुकदमें को "R v John" लिखा जाएगा, और मौखिक तौर पर इसे "राजमुकुट बनाम जॉन"(द क्राउन अगेंस्ट जॉन) कहा जाएगा। वहीँ स्कॉटलैंड में मुकदमों के शीर्षक में "HMA" अर्थात हर मॅजेस्टीज़ एडवोकेट।
ऑस्ट्रेलिया के प्रत्येक राज्य में भी "R" अक्षर का उपयोग ही किया जाता है। आम तौर पर अभियोजन को सीधे "अभियोजक पक्ष" कह कर संबोधित किया जाता है। सिविल मुकदमों में सम्बंधित मंत्री के नाम से संबोधित करना अनिर्वाय होता है और सुनवाई कक्ष में मुकदमों की घोषणा करते समय सचिव द्वारा मौखिक तौर पर मुकदमों को "हमारी स्वयंभू देवी, हमारी रानी बनाम [प्रतिवेदक]"( या "हमारे स्वयंभू प्रभु, हमारे राजा, बनाम [प्रतिवाद पक्ष]")। न्यूज़ीलैण्ड में, वहीँ, अभिवादक पक्ष के वकील के नाम की घोषणा करने की परम्परा है, वहां मुकदमों को (उदाहरणस्वरूप) इस प्रकार संबोधित किया जाता है: "राजमुकुट के पक्ष से जैक स्मिथ समतर्क..."
राज्य या शासन को अभियोजक पक्ष के तौर पर रखने की परंपरा के कारण ही अमरीका एवं भारत और पकिस्तान जैसे देशों में मुकदमों को "राज्य बनाम [प्रतिवाद पक्ष]" की शैली में संबोधित किया जाता है। इसके अलावा मुकदमें मुकुट के कगिलाफ भी दायर किये जा सकते हैं, इस स्थिति में मुकुट को बचाव पक्ष के रूप में संबोधित किया जाता है।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
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When public land is required by the federal government or one of its departments, or any provincial ministry, the land itself is not transferred. What is transferred is the responsibility to manage the lands on behalf of Her Majesty the Queen (HMQ). This is accomplished by an Order-in-Council or a Minister's Order that transfers management of land either from HMQ in right of Ontario to HMQ in right of Canada as represented by a department or to HMQ in right of Ontario as represented by another ministry. The Crown does not transfer ownership to itself.
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बाहरी कड़ियाँ
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